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सत्ता के लिए सबकुछ करेगा! जानिए क्या है बिहार में पॉलिटिकल 'BF प्लान' - बिहार चुनाव 2020

सभी पार्टियां अपनी सीटों का एलान कर रही हैं. इसके साथ ही ये भी साफ हो गया है कि इस बार भी बिहार चुनावों में बाहुबली 'फैमिली प्लान' के तहत चुनावी मैदान मैदान में ताल ठोक रहे हैं. कहीं ये जेल से चुनाव लड़ रहे हैं तो कुछ ने अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है.

bahubali in  and criminal background leader in bihar assembly election 2020
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Published : Oct 7, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Oct 8, 2020, 6:56 PM IST

पटना: बिहार चुनाव का बिगुल बज चुका है. इस चुनाव में भी बाहुबलियों का वर्चस्व दिख रहा है. लेकिन इस बार वे सीधे चुनाव में नहीं उतर रहे हैं बल्कि इस बार उन्होंने तैयार किया है बाहुबली फैमिली प्लान, जिसमें वे अपनी पत्नियों को टिकट दिलवाने में सफल हुए हैं.

बिहार चुनाव 2020 में भी बाहुबलियों का दमखम दिख रहा है. इन्होंने अपनी राजनीतिक वजूद बचाने के लिए अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है. इन्ही में से एक हैं अरुण यादव. फिलहाल अरुण फरार चल रहे हैं और पुलिस इनके पीछे है. लेकिन इनकी पत्नी को आरजेडी ने आरा जिले के संदेश से विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है.

आरजेडी से लवली आनंद

बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को भी आरजेडी ने अपनी सदस्यता दी है. फिलहाल तो इन्हें टिकट नहीं मिला है लेकिन माना जा रहा है कि सहरसा जिले की किसी सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है. बाहुबली आनंद मोहन सहरसा जेल में पूर्व जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड के मामले में सजा काट रहे हैं.

चुनावी मैदान में राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा यादव

कुछ यही हाल बाहुबली राजबल्लभ यादव का भी है. फिलहाल तो ये जेल में बंद हैं, लेकिन अब भी नवादा में तूती बोलती है. यहां से चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं इनकी पत्नी विभा यादव. 2019 में विभा देवी ने आरजेडी से ही लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

मोकामा में 'छोटे सरकार'

वहीं, मोकामा से इस बार आरजेडी ने छोटे सरकार यानी अनंत सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. पिछले चुनावों में इनके आपराधिक इतिहास को आरजेडी ने ही मुद्दा बनाया था. लेकिन इस बार आरजेडी ने ऐसी पलटी मारी कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें ही टिकट थमा दिया. 2015 मे बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी नीरज कुमार को शिकस्त दी थी. फिलहाल अनंत सिंह UAPA के तहत जेल में हैं.

बेलागंज से सुरेंद्र यादव

केवल अनंत सिंह की नहीं आरजेडी ने बाहुबली विधायक सुरेंद्र यादव को भी बेलागंज से टिकट दिया है. सुरेंद्र 1990 से लगातार विधायक हैं जबकि जहानाबाद से सुदय यादव का नाम भी दबंगों में शुमार रहा है.

जेडीयू से उम्मीदवार मनोरमा देवी

बाहुबलियों को टिकट देने में जेडीयू भी पीछे नहीं है. गया जिले के अतरी सीट से मनोरमा देवी को टिकट दिया है. मनोरमा तब सुर्खियों में आई थीं जब उनके बेटे रॉकी पर आरोप लगा था कि कार को साइड नहीं देने पर उन्होंने गोली मार दी थी. इनके पति बिंदी यादव भी दबंग रहे हैं. इस समय मनोरमा देवी स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से विधान पार्षद सदस्य हैं.

नवादा सीट से पूर्णिमा यादव

इसी तरह नवादा क्षेत्र की मौजूदा निर्दलीय विधायक पूर्णिमा यादव और उनके पति कौशल यादव को जेडीयू ने टिकट दिया है. कौशल पर राजस्व घोटाले समेत कई अन्य अपराधिक मामले चल रहे हैं.

जेडीयू की उम्मीदवार बीमा भारती

जेडीयू ने बीमा भारती पर इस चुनाव भरोसा जताया है. जेडीयू के टिकट पर रूपौली विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. इनके पति अवधेश मंडल के ऊपर हत्या, रंगदारी जैसे एक दर्जन से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज हैं.

बक्सर के शाहपुर से मुन्नी देवी

वहीं, बक्सर जिले के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक मुन्नी देवी और खगड़िया की पूनम देवी एक बार फिर अपने पति के सहारे चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं. मुन्नी के पति भुअर ओझा और देवर दिनेश्वर ओझा कई अपराधिक मामले में आरोपी हैं जबकि पूनम के पति रणवीर यादव पर भी कई अपराधिक मामले चल रहे हैं.

2019 में मिली थी हार, 2020 में क्या होगा हाल?

2019 के लोकसभा चुनाव में भी कई बाहुबलियों और उनकी पत्नियों ने हाथ आजमाया था. इनमे शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब और सूरजभान की पत्नी वीणा देवी शामिल थी. लेकिन इन सब को हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन क्या बिहार चुनाव 2020 में भी जनता वैसा ही कुछ करेगी या फिर ये सत्ता के गलियारे तक पहुंच पाएंगे ये जानने के लिए 10 अक्टूबर तक का इंतजार करना होगा.

Last Updated : Oct 8, 2020, 6:56 PM IST

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