कटिहार:मुस्लिम समुदाय में मुहर्रम (Moharram) इमाम हुसैन की शहादत की याद के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन लोग खुद को यातनाएं देकर उनके प्रति अपना दुख प्रकट करते हैं. वैसे तो मुहर्रम मुस्लिम समुदाय के लोग मनाते हैं. हिजरी कैलेंडर के अनुसार इस बार मुहर्रम 19 अगस्त को है. लेकिन बिहार के कटिहार में एक ऐसा गांव है, जहां हिंदू लोग इसमें शरीक होते हैं.
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जिले के हसनगंज प्रखंड के महमदिया हरिपुर गांव में हिंदू समुदाय के लोग मुस्लिमों की तरह मुहर्रम का त्यौहार मनाते हैं. यहां यह परंपरा पिछले 100 सालों से भी अधिक समय से चली आ रही है. इस मौके पर हिंदू समुदाय के लोग चादर पोशी करते हैं और बड़ी संख्या में हिंदू महिलाएं भी शामिल होती हैं. इस दौरान यहां इमाम हुसैन के नारे लगाए जाते हैं. साथ ही फातिहा भी पढ़ा जाता है.
इसके अलावा पूरे गांव में ताजिए का जुलूस निकाला जाता है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते सरकार ने मुहर्रम त्यौहार को सादगी के साथ और सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मनाने का अपील की है. जिस कारण सैकड़ों सालों की परंपरा पर कोरोना महामारी ने ब्रेक लगा दिया है. बता दें कि यहां के ग्रामीण इस साल सिर्फ पूजा पाठ करके त्यौहार को मनाने का फैसला लिया है.