गया:चार दिवसीय चैती छठ के तीसरे दिन आज शाम छठव्रतियों ने भगवान सूर्य को सांध्य अर्घ्य दिया. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और लॉक डाउन की वजह से छठव्रतियों ने अपनी छतों पर बने कुंड में ही अर्घ्य दिया. इस साल कोरोना वायरस के कारण छठ घाटों पर सन्नाटा ही छाया रहा. जिला प्रशासन के आदेश के कारण भी सड़कें पूरी तरह से वीरान रही. हालांकि शहरवासियों ने धूमधाम से घर की छतों पर ही कुंड बनाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया.
कोरोना वायरस इफेक्ट: घर की छतों पर छठ व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य - छठ व्रती
बंगला स्थान मोहल्ले में भी गोपाल सिंह के परिवार ने घरों की छत पर ही अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. छत पर ही प्लास्टिक और ईट के सहारे कृत्रिम कुंड का निर्माण किया गया था. घर वालों ने छत पर बने कुंड के इर्दगिर्द सोशल डिस्टेंस के लिए गोल घेरा लगाकर उसका पालन भी किया.
घर की छतों पर ही सूर्य को अर्घ्य
शहर के बंगला स्थान मोहल्ले में भी गोपाल सिंह के परिवार ने घर पर ही छठ का संध्या अर्घ्य छत पर दिया. छत पर ही प्लास्टिक और ईट के सहारे कृत्रिम कुंड का निर्माण किया गया था. घरवालों ने पूरे माहौल को भक्तिमय रुप देने की पूरी कोशिश की. छठव्रती दंपत्ति को घाट ना जा पाने का कोई मलाल नही हो इसका पूरा ख्याल रखा गया. घर वालों ने छत पर बने कुंड के इर्दगिर्द सोशल डिस्टेंस के लिए गोल घेरा लगाकर उसका पालन भी किया.
अर्घ्य के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ बखूबी पालन
दंपति छठव्रती ने कहा हम पिछले तीन सालों से छठ पूजा कर रहे हैं. हर साल भगवान भास्कर को अर्घ्य देने घाट पर जाते थे. इस साल कोरोना वायरस लॉक डाउन के कारण हमने छत पर ही अर्घ्य दिया. हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बखूबी कर रहे हैं. यहीं कारण रहा कि इस बार किसी को खरना के प्रसाद के लिए भी घर नहीं बुलाया. इस वायरस से खुद के साथ परिवार को भी बचाना है.