गयाः बेलागंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के इमरजेंसी वॉर्ड की सीलिंग जर्जर है. आलम ये है कि पंखा चलाने पर सीलिंग टूटकर गिरने लगती है. जिसके कारण वहां इलाज के लिए आए मरीज खौफ में रहता है. आलम ये है इमरजेंसी हालत में आये मरीज का इलाज इस भीषण गर्मी में भी बिना पंखे का होता है.
जर्जर स्थिति के बारे में बताते अस्पताल प्रबंधक और मरीज के परिजन
जर्जर हो चुका है इमरजेंसी वॉर्ड
मरीज के परिजन बताते हैं कि इमरजेंसी वॉर्ड की हालत कंकाल जैसी हो गई है. डर लगता है कब छत का प्लास्टर गिर जाएगा. मजबूरन वे लोग वहां इलाज करवा रहे हैं. वॉर्ड में पंखा रहते हुए भी बिना पंखे के इलाज करवाना पड़ता है. क्योंकि पंखा चलाने पर सीलिंग के गिरने लगता है.
इमरजेंसी वार्ड के छत की जर्जर स्थिति 'जिलाधिकारी को है जानकारी'
अस्पताल प्रबंधक विजेन्द्र शर्मा ने बताया कि यह अस्पताल 30 बेड का है. यह अस्पताल 2 लाख 65 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करता है. चमकी बुखार और जापानी बुखार के लिए हमें अलर्ट पर रखा गया है. आशा दीदी और आंगनबाड़ी केंद्र को बताया गया है कि बुखार से पीड़ित कोई बच्चा जानकारी में आये तो उसकी सूचना अस्पताल को दे दी जाए. यहां एक वॉर्ड में दो बेड सुरक्षित हैं. लेकिन, इमरजेंसी वॉर्ड की हालत जर्जर है. जिलाधिकारी को इस बारे में अवगत किया गया है. उनकी तरफ से मरम्मत करने का आश्वासन मिला है.
ईटीवी भारत का किया शुक्रिया
बेलागंज प्रखंड के रामपुर गांव से आये मरीज की हालत नाजुक थी, पूरी शरीर ऐंठ रही थी. मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर ने मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया। रेफर करने के बाद गरीब मरीज के परिजन के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो मरीज को निजी एम्बुलेंस से मेडिकल अस्पताल ले जाये. मरीज के परिजन ने अस्पताल के एम्बुलेंस की मांग की तो कह दिया गया कि एम्बुलेंस मरीज को लाने बाहर गई है. मरीज की हालत बिगड़ रही थी तब मरीज के परिजन ने ईटीवी भारत से गुहार लगाई. सामाजिक सरोकार निभाते हुए हमारे संवाददाता ने अस्पताल के अधिकारियों से बात कर एम्बुलेंस का इंतजाम करवाया. मरीज के परिजन चंदन कुमार ने इसके लिए ईटीवी को शुक्रिया कहा.