दरभंगा:ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) गुरुवार को 50वें साल में प्रवेश कर गया. इसी दिन 1972 में बिहार विवि, मुजफ्फरपुर से अलग होकर यह अस्तित्व में आया था. इस अवसर पर विश्वविद्यालय में स्वर्ण जयंती (Golden Jubilee) वर्ष समारोह की शुरुआत हुई.
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इस समारोह का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल सह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) और बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने ऑनलाइन माध्यम से संयुक्त रूप से किया. इस अवसर पर दरभंगा में आयोजित समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह, प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा और प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर रत्नेश्वर मिश्र समेत कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे.
इस अवसर पर राज्यपाल फागू चौहान ने अपने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि ललित नारायण मिथिला के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय मिथिला में शिक्षा की अलख जगा रहा है. राज्यपाल ने विवि के स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश करने पर विवि परिवार और मिथिला के लोगों को बधाई दी.
एलएनएमयू ललित बाबू के सपनों को साकार कर रहा है. मिथिला संस्कृति विशिष्ट रही है. आने वाले समय में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पद चिह्नों पर चलते हुए मिथिला की शिक्षा के विकास में योगदान का संकल्प दोहराया जाएगा. ललित बाबू के सपनों का बिहार बनाने में उन सभी लोगों का योगदान होगा.-फागू चौहान, राज्यपाल, बिहार
वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि वे खुद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. उन्होंने कहा कि 1972 में ही दरभंगा से अलग होकर मधुबनी और समस्तीपुर जिलों का गठन हुआ था और वे समस्तीपुर जिले से आते हैं. उसी साल ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी.