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बेगूसराय गोलीकांड: पहले केशव और अब सुमित के परिजनों ने पुलिस पर फंसाने का लगाया आरोप - Begusarai Firing Case

बेगूसराय गोलीकांड (Begusarai Firing Case) में सुमित के परिजन अपने लड़के को निर्दोष बता रहे हैं. पुलिस कार्रवाई पर संदेह जताया है. इस संबंध में रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा कि उनके बच्चे को पुलिस के द्वारा फंसाया जा रहा है. जबकि सभी निर्दोष हैं. इस मामले में लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की है. उन्हें पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

बेगूसराय गोलीकांड में परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
बेगूसराय गोलीकांड में परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार

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Published : Sep 17, 2022, 11:01 PM IST

बेगूसराय:बिहार केबेगूसराय में पहले केशव ऊर्फ नागवाऔर अब सुमित के परिजनों ने अपने बेटे की गिरफ्तारी पर सवाल खड़ा किया है. इस मामले में सुमित के परिजन और गावं के देर्जनों लोग अपनी फरियाद लेकर एसपी कार्यालय (Begusara SP Office) पहुंचे, पर किसी कारण से एसपी से मुलाकात नहीं हो पाई. इस संबंध में रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने साफ कहा कि उनके बच्चे को पुलिस के द्वारा फंसाया जा रहा है. जबकि सभी निर्दोष है. बताते चलें कि बेगूसराय में 13 सितंबर को चार की संख्या में अपराधियों के द्वारा एक साथ 11 लोगों को गोली मार दी गई थी. जिसमें एक की मौत हो चुकी है.

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बेगूसराय गोलीकांड में 4 गिरफ्तार :इस घटना के बाद लोग बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने लगे. वहीं राजनीतिक दलों के द्वारा बिहार में जंगलराज की पुनरावृत्ति की बात की जाने लगी. इस मामले में तकरीबन 72 घंटे के बाद पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार कर इसे ही घटना का आरोपी बताया. पर पहले केशव ऊर्फ नगवा के परिजन ने पुलिस पर गलत तरीके से उनके बेटे का नाम इस मामले में घसीटने की बात कही थी. उसके एक दिन बाद कई दर्जन ग्रामीण और परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है और अपने बेटे सुमित को निर्दोष बताया है.

'मेरे बच्चे निर्दोष हैं' :बताया जा रहा है कि उस दिन उनका पुत्र गांव में एक तेरहवीं में हिस्सा ले रहा था. आरोपी बनाए गए चार बदमाशों में एक बरौनी थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 4 हाजीपुर पिपरा निवासी भोला चौधरी का पुत्र सुमित कुमार भी था. आक्रोशित लोगों ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है और कहा कि अगर उनका बेटा दोषी है तो सजा जरूर हो पर निर्दोष को न फंसाया जाय. घर वालों ने बताया कि उसका बेटा घटना के दिन-रात घर में है और पड़ोसी के श्राद्ध कर्म में शामिल था.

'जो बदमाश इतने बड़े पैमाने पर घटना को अंजाम देगा, वह अपने घर में चैन की नींद कैसे सोएगा. किसके घर में पीला गंजी नहीं होता है. उसका भाई पीला गंजी का शौकीन था और उसके घर में कई पीला टीशर्ट मौजूद है.'- सुनीता कुमारी, गिरफ्तार सुमित की बहन

'पुलिस आई और गोली मारने की धमकी देकर उसके घर में प्रवेश कर गई और पूछताछ के नाम पर सुमित को गिरफ्तार कर लेकर चली गई.'- राजकुमारी देवी, सुमित की दादी

'मैं अपने बेटे के साथ घर में सोया था, तभी दो बजे रात में पुलिस आई और बिना कारण बताए, गाली-गलौच करने लगी. फिर गोली मारने की धमकी देते हुए, मेरे बेटे को अरेस्ट कर चली गई.'- भोला चौधरी, गिरफ्तार सुमित के पिता

ग्रामीणों ने सुमित को बताया निर्दोष : इस संबंध में पड़ोसी प्रमिला देवी ने पुलिस पर सुमित को झूठा फंसाने का आरोप लगाया. दादी राम पुकारी देवी ने बताया कि सुमित मेरा इकलौता पोता है. वह कभी झूठ नहीं बोल सकती, उनका पोता निर्दोष है. पुलिस घर में आई और उसके पुत्र को उठाकर ले गई है. जबकि उनका पोता निर्दोष है. फिलहाल इस मामले में लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की है. उन्हें पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है. ऐसे में अब देखना होगा कि पुलिस महकमा इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच क्या एक्शन लेती है.

बेगूसराय में गोलीकांड की पूरी कहानी: आपको बता दें कि इस पूरी घटना को लेकर पूरा बिहार सिहर उठा है. इस मामले में सबसे पहले दो बाइक पर 4 साइको किलर सवार होकर शहर में प्रवेश करते हैं. इनकी मंशा दहशत फैलाने के इरादे से फायरिंग करने की थी. शहर से ये चारों आगे बढ़ते हैं जबकि जगह-जगह पुलिस तैनात रहती है और कई जगह चेक पोस्ट भी होते हैं. 30 किलोमीटर के सफर में चार थाना पड़ा लेकिन किसी को कुछ भनक नहीं हुई. चारों को ना तो किसी ने रोका ना ही तलाशी ही ली गई. हालांकि आए दिन वाहन चेकिंग अभियान चलाने के दावे भी पुलिस करती है. चारों किलर ने एनएच 28 से एनएच 31 के बीच दहशत फैलाना शुरू कर दिया. इन लोगों ने शहर में फायरिंग नहीं की बल्कि बछवाड़ा का रास्ता चुना. वहीं एक रास्ता एनएच 80 का लखीसराय को जाता है. अगर कहीं पर भी पुलिस ने इन लोगों को रोका होता या गाड़ी की जांच की जाती तो घटना को पहले ही रोका जा सकता था. अब पुलिस ने चारों साइको किलर्स का फोटो जारी कर इनाम की घोषणा की लेकिन चूक और लापरवाही की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. मामले में 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. वहीं चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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