बेगूसराय(डंडारी):राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किसी से छिपा नहीं है. जहां मनुष्यों के लिए बुनियादी सुविधा मौजूद नहीं है वहां जानवरों के लिए अस्पताल की बात बेमानी लगती है. डंडारी प्रखंड क्षेत्र के तेतरी गांव में पशु अस्पताल जर्जर भवन में चल रहा है. जहां सुविधाओं का घोर अभाव है.
इस अस्पताल की स्थापना आजादी के बाद सन् 1960 में हुई थी. यहां कार्यालय दो बड़े-बड़े कमरे हैं. यह अस्पताल लगभग 9 कट्ठा जमीन में फैला हुआ है. लेकिन सरकार अनदेखी और रख-रखाव के अभाव में इसकी हालत काफी जर्जर हो गई है. कई बार शिकायतों के बावजूद इसके सुधार के लिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा है.
पशु अस्पताल की छत का गिरता प्लास्टर नहीं है काम करने की सुविधा
अस्पताल में पशु चिकित्सा के लिए कर्मी, एक डाटा ऑपरेटर और एल एसएस भी नियुक्त है. लेकिन भवन के अभाव में वह काम करने से महरूम हो जा रहे हैं. यहां के टीभीओ डॉ. रूस्तंभ कुमार रौशन ने बताया कि स्थापना काल से लेकर अब तक इस अस्पताल के भवन पर विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया. वर्तमान समय में पशु चिकित्सा के लिए विभाग की ओर से समय-समय पर दवाईयां तो उपलब्ध कराई जाती हैं मगर अस्पताल के जर्जर भवन पर विभाग की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
ये खंडहर नहीं, डंडारी प्रखंड का पशु अस्पताल है. कभी भी हो सकती है अनहोनी
पशु अस्पताल की छत जर्जर है, कभी भी छत भरभराकर नीचे गिर सकती है, बारिश के दिनों में छत भी टपकती रहती है. ऐसे हाल में भवन में रखी दवाइयां और विभागीय फाइलें भीग जातीं हैं. यहां कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अपने रिस्क पर अपनी और फाइलों की सुरक्षा करनी पड़ती है. जर्जर भवन के बारे में विभाग को भी कई बार लिखित आवेदन दिया गया है. लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. अस्पताल की बाउंड्रीवॉल नहीं होने के कारण अस्पताल की जमीन का भी अतिक्रमण किया जा रहा है.