गया: जिले में आसमानी कहर से सरकारी आंकड़ों के अनुसार अबतक कुल 41 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. गया के विष्णुपद के निकट श्मशान घाट पर तीन दिनों में 300 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. डोमराजा और दुकानदार इतनी संख्या में शव आते देख हैरान हैं. कुल 300 शवों में से अधिकांश लोगों की मौत लू लगने से हुई है.
गया के श्मशान घाट पर तीन दिन में 300 शवों का हुआ दाह संस्कार - शव
गया के विष्णुपद श्मशान घाट पर इन दिनों शवों का तांता लगा हुआ है. अबतक कुल 300 से ज्यादा शवों को जलाया गया है. ये आंकड़ा आज तक श्मशान भूमि पर नही पहुंचा था. आज से तीन साल पहले गर्मी में अधिक लाशें आयी थीं लेकिन इतनी लाशें पहली बार आयी हैं.
300 से ज्यादा शवों का हुआ दाह संस्कार
गया के श्मशान घाट पर एक चिता की आग बुझती नहीं कि दूसरी चिता सज जाती है. बीते शनिवार की सुबह से ही शवों के आने का क्रम जारी है. डोमराजा के अनुसार अभी तक 300 से ज्यादा शवों का दाह संस्कार किया गया है. जहां तीन दिनों में 41 मौत होने के सरकारी आंकड़े सामने आ रहे हैं, वहीं विष्णुपद श्मशान घाट के आंकड़े चौंका देने वाले हैं.
अब लकड़ियां और कफन पड़ रहे कम
श्मशान घाट पर अधिक शव आने से दुकानदार भी हैरान हैं. दुकानदारों ने बताया कि पहले गया के थोक बाजार से आये कफन से पूर्ति हो जाती थी, लेकिन अब पटना से मंगवाना पड़ रहा है. वहीं लकड़ी व्यापारी ने बताया कि गया के विभिन्न बाजरों से लकड़ियां मंगाई जा रही हैं. पहले यहां दिन और रात मिलाकर 20 से 30 शव आते थे. अब संख्या 100 के भी पार चली गयी है. हमलोगों ने मृतक के परिजनों से पूछा तो सभी के मरने का कारण लू और गर्मी है.