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गया: एएनएम के सहारे चल रहा अस्पताल, मरीजों की कैसे बचेगी जिंदगी ? - anm

गया के चाकंद में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यहां सिर्फ दो चिकित्सकों की तैनाती है. ये अस्पताल महज दो कमरे में चल रहा है.

एएनएम के सहारे चलता है अस्पताल

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Published : Jul 3, 2019, 3:01 PM IST

गया:जिले के चंदौती प्रखंड का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र 15 किलोमीटर दूर चाकन्द में बनाया गया है. हैरानी की बात ये है कि स्वास्थ्य केन्द्र का कार्यालय चंदौती में है और अस्पताल चाकन्द में बनाया गया है. सरकार के इस रवैये से अस्पताल व्यवस्था चरमरा गई है. अस्पताल में चिकित्सक भी मौजूद नहीं रहते हैं. एएनएम के भरोसे ये अस्पताल रेंग रहा है.

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की बदहाली
चाकंद स्थित इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मात्र तीन रूम है. एक रूम में ओटीए, दूसरे में प्रसव कक्ष और तीसरा रूम प्रभारी का कार्यालय है. आलम ये है अस्पताल महज दो रूम में ही संचालित है. इतना ही नहीं ओटीए रूम में डाटा का काम होता है. प्रसव कक्ष में चार बेड लगा दिए गए हैं. वहां अन्य बीमारी के मरीज भी रहते हैं. ऐसे में अस्पताल की ये भयावह स्थिति मरीजों को ठीक करने को बजाय और बीमार कर रही है.

अस्पताल की बदहाली

एएनएम के भरोसे चलता है अस्पताल
साल 2012 से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चाकन्द में चल रहा है. 16 पंचायतों को स्वास्थ्य सेवा देने वाला यह अस्पताल अब 4 पंचायतों को सेवा दे रहा है. अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सक रोस्टर के अनुसार दिन में ओपीडी में आती हैं. बाकी समय अस्पताल एएनएम और जेनरेटर चालक के भरोसे चलता है.

एएनएम के भरोसे चलता है अस्पताल

दो कमरे में चल रहा अस्पताल
अस्पताल में कार्यरत एएनएम ने बताया कि इस अस्पताल में सिर्फ दो रूम है. पहला प्रसव कक्ष और दूसरा ओटीए रूम. प्रसव कक्ष में चार बेड लगा हुआ है. उसी में प्रसव होता है. उसके दूसरी तरफ अन्य मरीज रहते हैं. ओटीए रूम में नसबंदी का ऑपरेशन होता है. जिस दिन ऑपरेशन होता है, इस रूम से कंप्यूटर हटा दिया जाता है. ऑपेरशन कर मरीज को प्रभारी कक्ष में जमीन पर गदा बिछाकर लिटा दिया जाता है.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में सिर्फ दो चिकित्सकों की है तैनाती
पूरे अस्पताल में सिर्फ दो चिकित्सक रहने से काफी दिक्कत होती है. जब एएनएम से पूछा गया कि इमरजेंसी में मरीजों को कैसे संभाला जाता है, तो उन्होनें बताया कि प्रसव ज्यादातर रात में होता है. एएनएम की देखरेख में सबकुछ किया जाता है. ज्यादा दिक्कत होने पर प्रभारी चिकित्सक को गया से बुलाया जाता है.

आकड़ों के मुताबिक-

  • स्वास्थ्य केंद्र में 4 डॉक्टरों का पद सृजित है लेकिन 2 कार्यरत हैं.
  • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए 3 पद है लेकिन एक ही कार्यरत है.
  • परिवार कल्याण कार्यकर्ताओं के लिए 3 पद है, कार्यरत दो हैं.
  • स्वास्थ्य कार्यकर्ता के लिए 3 पद सृजित है, पदस्थापित एक है.
  • चतुर्थवर्गीय कर्मी के लिए 3 पद है जिनमें दो कार्यरत हैं.
  • इनके अलावा कार्यालय में एक लिपिक, एक बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता और एक चालक तैनात हैं.

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