अरवल : जब शिक्षक भूखा रहेंगे, उनके दिमाग में कई तरह की बातें होंगी फिर वह कैसे ठीक ढंग से पढ़ा सकते हैं. नियोजित शिक्षक के समान काम समान वेतन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने यह प्रतिक्रिया दी.
शिक्षकों का पेट भूखा रहेगा तो शिक्षा कैसे दे सकते हैं : मांझी
मांझी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों पर उच्चतम न्यायालय का फैसला शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर असर पड़ेगा.
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर पड़ेगा असर-मांझी
करपी में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसलों का तो हम सभी लोग आदर करते हैं, परंतु यह फैसला शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करेगा. जिससे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर असर पड़ेगा.
'मामले पर पुनर्विचार किया जाए'
जीतन राम मांझी ने कहा कि शिक्षकों के लिए मेरे मुख्यमंत्री रहते ही यह फैसला लिया गया था कि एक ही काम करने वाले शिक्षकों को अलग-अलग वेतन क्यों मिलता है. पर बात में बेरहम वर्तमान सरकार कोर्ट चली गयी. उन्होंने मांग की कि न्यायपीठ द्वारा जो फैसला दिया गया है उसपर पुनर्विचार किया जाए.