गया: जिले में कई ऐतिहासिक स्थल है. इसमें प्रसिद्ध दशरथ मांझी का गांव भी है. यह जिले के पर्यटन स्थलों में शुमार तो हो गया है. लेकिन यहां पर्यटन सुविधाओं का घोर अभाव है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने इस लोकसभा चुनाव के माहौल में यहां के लोगों से खास बातचीत की.
जिले के गेहलौर घाटी में दशरथ मांझी का समाधि स्थल है. यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. जो भी श्रद्धालु गया में पिंडदान करने और बोधगया आते हैं वो यहां जरूर आते हैं. इसे पर्यटन स्थल बनाने की योजना थी. लेकिन पर्यटकों की सुविधाओं के नाम पर यहां सिर्फ खानापूर्ती की गई है.
पर्यटकों के लिए मिले सुविधा
इसको लेकर दशरथ मांझी के पुत्र भगरीथी मांझी कहते हैं कि रोज सैकड़ों पर्यटक समाधि स्थल और प्रेम पथ पर आते हैं. लेकिन पर्यटकों के लिए पेयजल की सुविधा, शौचालय की सुविधा और बैठने का व्यवस्था तक नहीं है. यहां आने वाली सड़क को लोग प्रेम पथ कहते हैं. अब यह सड़क भी टूट गया है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानमंत्री एक बार यहां आये. यहां पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं.
दशरथ मांझी के समाधी स्थल का जायजा लेते संवाददाता पहाड़ काट बनाया था सड़क
बता दें कि इस गांव में जाने के लिए सड़क नहीं था. इसको लेकर दशरथ मांझी ने 22 वर्षो तक पहाड़ को काट कर एक सड़क ही बना दिया. इससे पूरे देश में काफी चर्चित भी हुए थे. वहीं, लोकसभा के सांतवे चरण में 19 मई को प्रदेश के आठ सीटों पर चुनाव है.