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18वीं लोकसभा के पहले सत्र में संसद सदस्यों का शपथ ग्रहण समारोह Live - parliament session proceedings live

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 24, 2024, 11:01 AM IST

Updated : Jun 24, 2024, 1:04 PM IST

आज से 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो गई है. आज पहले दिन नए सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है. शपथ ग्रहण समारोह दो दिन चलेगा. बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर हैं. वो नए सांसदों को शपथ दिला रहे हैं. सत्र के तीसरे दिन यानी बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव के बाद अगले दिन यानी गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. इन दिनों देश में नीट और नेट यूजी पेपर लीक का मामला गर्म है. इस पर जमकर राजनीति हो रही है. ऐसे में विपक्ष सरकार को इन मामलों पर घेरेगा. संसद शुरू होते समय पीएम मोदी ने भाषण दिया. उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में आज का दिवस गौरवमय है, ये वैभव का दिन है. आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है. अब तक ये प्रक्रिया पुराने सदन में हुआ करती थी. पीएम मोदी ने कहा कि आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर मैं सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत करता हूं, सबका अभिनंदन करता हूं और सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं. संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है. नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने का ये अवसर है. 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है. विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है. करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के समय लगी इमरजेंसी पर भी बयान दिया. पीएम मोदी ने कहा कि कल 25 जून हैं. जो लोग इस देश के संविधान की गरिमा से समर्पित हैं, जो लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर निष्ठा रखते हैं, उनके लिए 25 जून न भूलने वाला दिवस है. कल 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो काला धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष हो रहे हैं. भारत की नई पीढ़ी ये कभी नहीं भूलेगी की संविधान को पूरी तरह नकार दिया गया था. भारत को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबोच दिया गया था. इमरजेंसी के ये 50 साल इस संकल्प के हैं कि हम गौरव के साथ हमारे संविधान की रक्षा करते हुए, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी ये संकल्प करेंगे कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले की गई थी और लोकतंत्र पर काला धब्बा लगा दिया गया था.
Last Updated : Jun 24, 2024, 1:04 PM IST

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