नई दिल्ली : भारत की डेटा सेंटर क्षमता तीन साल में दोगुनी होने की संभावना है, जो 2023 में लगभग 0.9 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) से 2026 में 2 गीगावॉट हो जाएगी. बुधवार को जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. केयरएज रेटिंग्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अतिरिक्त क्षमता निर्माण ने अगले तीन सालों में 50 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित पूंजीगत व्यय जरूरत के कारण पर्याप्त निवेश संभावनाएं पैदा की हैं.
इस समय ग्लोबल डेटा का 20 प्रतिशत उत्पन्न करने के बावजूद भारत की डेटा सेंटर क्षमता में विश्व हिस्सेदारी मात्र 3 प्रतिशत है, जबकि हर महीने एक्साबाइट यूज की तुलना में भारत में मोबाइल डेटा का यूज विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा है.
केयरएज रेटिंग्स की एसोसिएट डायरेक्टर पूजा जालान ने कहा, 'नियोजित क्षमता का लाभ पाने के लिए भूमि और उपकरण की उपलब्धता तथा वेंडर इकोसिस्टम के प्रबंधन में परियोजना को लागू करने संबंधी चुनौतियां का समाधान जरूरी है.'