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यूपी के 5 जिलों में खुलने जा रहा जीएसटी ट्रिब्यूनल; GST से जुड़े विवाद निपटारे में होगी आसानी, कारोबारियों को बड़ी राहत - GST Tribunals in UP - GST TRIBUNALS IN UP

ट्रिब्यूनल में कुल चार सदस्य होंगे. इनमें दो न्यायिक सेवा और दो में एक केंद्र व एक राज्य कर सेवा का अधिकारी शामिल होगा. राज्य कर मुख्यालय की तरफ से यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, जल्द ही इस पर मुहर लगने की उम्मीद है. माल एवं सेवा कर में व्यापारियों का पक्ष सुनने के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल की व्यवस्था का प्रावधान है.

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यूपी में GST विवाद अब झट से होंगे हल. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2024, 2:00 PM IST

Updated : Sep 23, 2024, 2:32 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में टैक्स को लेकर विवादों के हल के लिए जल्द ही प्रदेश के 5 जनपदों में जीएसटी ट्रिब्यूनल खोलेगी. इन जिलों में लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, प्रयागराज और वाराणसी शामिल हैं. ट्रिब्यूनल खुलने से उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. उनके जीएसटी के विवादों के समाधान का रास्ता आसान हो जाएगा.

ट्रिब्यूनल में कुल चार सदस्य होंगे. इनमें दो न्यायिक सेवा और दो में एक केंद्र व एक राज्य कर सेवा का अधिकारी शामिल होगा. राज्य कर मुख्यालय की तरफ से यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है, जल्द ही इस पर मुहर लगने की उम्मीद है. माल एवं सेवा कर में व्यापारियों का पक्ष सुनने के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल की व्यवस्था का प्रावधान है.

उत्तर प्रदेश में मूल्य संवर्धित कर (वैट) में इसकी व्यवस्था थी, लेकिन साल 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया. ट्रिब्यूनल न्यायिक संस्थाएं होती हैं. इसका मकसद न्यायपालिका पर पड़ने वाले बोझ को कम करना होता है. प्रशासनिक या कर से जुड़े विवादों को सुलझाने का काम ट्रिब्यूनल करती है. विवादों का निपटारा कर वादकारियों के अधिकारों का निर्धारण ट्रिब्यूनल का काम होता है.

राज्य कर विभाग ने जीएसटी वसूली के लिए जोनल कार्यालय के साथ ही सचल दल इकाइयों का गठन कर रखा है. यही इकाइयां टैक्स चोरी करने वालों पर एक्शन लेती हैं. टैक्स अधिक देने या चोरी में गलत फंसाए जाने की मांग पर व्यापारी अपने पक्ष सुनने के लिए वाद करता है. जीएसटी से जुड़े न्यायिक मामलों की सुनवाई के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल नहीं है. इसीलिए जीएसटी में विवाद होने की स्थिति में अधिकारियों के पास प्रार्थना पत्र देने या न्यायालय जाने का अभी तक विकल्प है.

व्यापारिक संगठनों की पुरानी मांग है कि ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए. उनकी इसी मांग को ध्यान में रखकर राज्य कर मुख्यालय ने शासन को जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन का प्रस्ताव भेजा है. माना जा रहा है कि इस पर सरकार जल्द ही मुहर लगाकर जिलों में ट्रिब्यूनल खोलने का काम करेगी.

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Last Updated : Sep 23, 2024, 2:32 PM IST

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