लखनऊ : चकबंदी विभाग के कई अफसरों पर कार्रवाई की गई है. चकबंदी आयुक्त जी. एस. नवीन कुमार ने बताया कि ग्राम पाई, तहसील खागा, जनपद फतेहपुर के निवासी रवीकरन सिंह के प्रकरण में अपर संचालक चकबंदी (प्रा.) को जनपद फतेहपुर भेजकर जांच कराई गई है. उन्होंने बताया कि जांच आख्या के आधार पर दोषी पाये गये तत्कालीन बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी, फतेहपुर सम्प्रति जौनपुर बीएन उपाध्याय को निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है.
चकबंदी लेखपाल को किया गया निलंबित :उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में संलिप्त और दोषी पाए गये चकबंदी लेखपाल संदीप कुमार को निलम्बित कर विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई प्रारम्भ कर दी गई है. इसी क्रम में मंडलायुक्त, प्रयागराज की आख्या के आधार पर अनिल कुमार, सहायक चकबन्दी अधिकारी, फतेहपुर तथा रवीन्द्रनाथ पाण्डेय, चकबन्दी अधिकारी, फतेहपुर को भी निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई संस्थित की गई है.
इन पर भी गिरी गाज :चकबंदी आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि ग्राम दिवैनी, जनपद प्रतापगढ़ में चकबंदी प्रक्रिया को उच्च न्यायालय में किये गये कमिटमेन्ट कार्ययोजना के अनुसार कोई कार्य न करने के कारण उत्तरदायी राजेश त्रिपाठी, चकबन्दी अधिकारी, लाल बहादुर, चकबन्दी अधिकारी, राधेश्याम गुप्ता, सहायक चकबन्दी अधिकारी, नन्दलाल पटेल, सहायक चकबन्दी अधिकारी, शम्भू प्रसाद, चकबन्दीकर्ता, यादवेन्द्र कुमार पटेल, चकबन्दी लेखपाल के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की गई है.
यह था मामला :एसडीएम की फटकार से आहत किसान ने सुसाइड कर लिया था. खागा कोतवाली क्षेत्र के पाई गांव निवासी रवि करन सिंह उर्फ मक्खन सिंह (68) के खेत से राजस्व कर्मियों ने चकरोड निकाल दिया था. कई बार शिकायत के बाद न्याय न मिलने पर चकबंदी न्यायालय में वाद दाखिल किया था, उसके पक्ष में नहीं आया था. इसके बाद मक्खन सिंह बीते समाधान दिवस में पहुंचा था. आरोप है कि यहां एसडीएम ने किसान को डांट लगाई थी. इससे आहत किसान ने मंगलवार की देर रात आत्महत्या कर ली थी. एसडीम खागा अतुल कुमार ने बताया था कि आरोप निराधार हैं.
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