उत्तरकाशी में छात्रों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार (वीडियो सोर्स- ETV Bharat) उत्तरकाशी:श्रावण माह की पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के तौर पर मनाते हुए संस्कृत महाविद्यालय उत्तरकाशी के छात्रों ने शोभायात्रा निकाली. इस अवसर पर महाविद्यालय में विशेष धार्मिक अनुष्ठान एवं वेद मंत्रोच्चार के साथ 100 ऋषिकुमारों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया. इसके बाद उन्होंने ऋषिकुमारों को जनेऊ के नियम और उपाय बताए गए.
सोमवार को रक्षाबंधन के पवन पर्व पर उत्तरकाशी के श्री विश्वनाथ स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय उजेली में आचार्यों के संरक्षण में ऋषिकुमारों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया. विद्यालय परिसर स्थित मंदिर में हवन- यज्ञ आदि धार्मिक अनुष्ठान किया गया. जिसके बाद ऋषिकुमारों की शोभायात्रा संस्कृत महाविद्यालय से कंडार देवता मंदिर, भैरव चौक, विश्वनाथ मंदिर, मेन बाजार, बस अड्डा होते हुए संस्कृत महाविद्यालय में पहुंची.
संस्कारवान और वैदिक संस्कृत शिक्षा शुरू होने से पहले करना होता है उपनयन संस्कार:इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में भी विशेष पूजा अर्चना के साथ मंदिर की तीन परिक्रमा की. श्री विश्वनाथ स्नातकोत्तर संस्कृत महाविद्यालय उजेली के प्रबंधक डॉ. राधेश्याम खंडूडी ने बताया कि छात्रों को संस्कारवान एवं वैदिक संस्कृत शिक्षा प्रारंभ कराने से पूर्व उपनयन संस्कार किया जाना जरूरी होता हे. इसलिए हर साल रक्षाबंधन के पावन पर्व पर सामूहिक संस्कार संपन्न कराया जाता है.
100 से ज्यादा बच्चों को दिया गया यज्ञोपवीत संस्कार:संस्कृत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने बताया कि संस्कृत सप्ताह और संस्कृत दिवस पर संस्कृत महाविद्यालय की ओर से नगर में भव्य ओर शोभा यात्रा निकाली जा रही है. जिसके तहत आज 100 से ज्यादा बच्चों को यज्ञोपवीत संस्कार दिया गया. उन्होंने बताया कि ब्राह्मण कुल में 8 से 12 आयु तक और क्षत्रिय में 12 से 16 तक और अन्य वर्गों में 16 वर्ष की आयु के यह संस्कार संपन्न करवाना जरूरी है. विद्यालय में निशुल्क यज्ञोपवीत संसकार दिया जाता है.
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