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खुदकुशी रोकने की दिशा में बड़ा कदम, बाड़मेर का महिला संगठन 200 गांवों में चला रहा 'समझावे सखी सहेली' अभियान - World Suicide Prevention Day

बाड़मेर का एक महिला संगठन जिले में बढ़ती आत्महत्याओं की घटनाएं रोकने के लिए संगठन 'समझावे सखी सहेली' अभियान चलाकर ग्रामीण महिलाओं को जागरूक करने में जुटा हुआ है. जिले की 25 ग्राम पंचायतों के करीब 200 गांवों में यह संगठन कार्य कर रहा है.

WORLD SUICIDE PREVENTION DAY
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (ETV Bharat barmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 10, 2024, 3:27 PM IST

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (ETV Bharat barmer)

बाड़मेर: हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाड़मेर जिले में बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय बनी हुई है. इन घटनाओं की रोकथाम की दिशा में एक महिला संगठन 'समझावे सखी सहेली' अभियान चलाकर महिलाओं को जागरूक करने में जुटा हुआ है.

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर महिला संगठन की ओर से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूकता की शपथ दिलाई गई. इसके साथ ही महिलाओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि महिला संगठन उनके गांव में पहुंच कर उनकी समस्याओं को सुनने के साथ ही उनकी मदद करता है.

इसे भी पढ़ें :विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज, देश में हर साल बढ़ रहे आत्महत्या के मामले, लेकिन राजस्थान में कम होते आंकड़ों से राहत - Suicide cases in Rajasthan

संगठन की अध्यक्ष अनीता सोनी ने बताया कि संगठन की ओर से 'समझावे सखी सहेली' अभियान चलाया जा रहा है. जिले की 25 ग्राम पंचायतों के करीब 200 गांवों में हम काम कर रहे हैं. इस अभियान को चलाने के पीछे हमारा यही उद्देश्य है कि जिले में पिछले कुछ समय से आत्महत्या की घटनाए ज्यादा हो रही है, जिसे रोकने और कम करने का प्रयास महिला संगठन की ओर से किया जा रहा है. इसी उद्देश्य को लेकर 1500 महिलाओं की टीम गांवों में जाकर जागरूक करती है.

महिला संगठन से जुड़ी महिला सदस्य मीना ने बताया कि गांवों में जाकर हम महिलाओं की समस्याएं सुनते हैं और गांव में ही महिलाओं की आपस में पक्की सखियां बनवाते हैं ताकि महिला अपनी सखी से मन की बात कर सके. हम कोशिश करते हैं कि महिलाओं की समस्या का समाधान करवाया जा सके. इसके साथ ही उन्हें बताते हैं कि जिंदगी अनमोल है. उन्होंने बताया कि अभी प्रत्येक गांव में चार-चार ग्रुप बने हुए हैं, जिन में 80-80 महिलाएं जुड़ी हुई है.

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