नई दिल्ली:किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है. इसके बिना शरीर के स्वस्थ रहने की कल्पना नहीं की जा सकती. किडनी शरीर से गैर जरूरी और बेकार की चीजों को फिल्टर कर शरीर में लिक्विड को संतुलित रखने में दिन रात काम करती रहती है. आज के दौर में किडनी की बीमारी, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है. लगभग हर उम्र के व्यक्ति में किडनी रोग का खतरा देखा जा रहा है. इसलिए जरूरी है कि कम उम्र से ही इस अंग के बेहतर देखभाल पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए.
राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर और विभागाध्याक्ष डॉ. हिमांशु ने बताया कि किडनी की बीमारी एक बार होने के बाद इसका इलाज लंबा चलता है. साथ ही इलाज महंगा होता है. इसलिए किडनी रोग से बचाव के लिए सावधानी बरतना और किडनी को स्वस्थ रखना ही सबसे अच्छा तरीका है.
किडनी को ठीक रखने के लिए करें यह उपाय
- 40 वर्ष की उम्र पार करने के बाद किडनी की जांच अल्ट्रासाउंड और पेशाब की जांच नियमित रूप से करानी चाहिए. साथ ही क्रिएटिनिन टेस्ट भी कराएं.
- किडनी को ठीक रखने के लिए खूब पानी पिएं. 24 घंटे में कम से कम ढाई लीटर पानी पिएं. संतुलित आहार लें बाहर का खाना और ऑयली खाना कम खाएं.
- वॉक, रनिंग, साइक्लिंग और नियमित व्यायाम भी किडनी रोग से बचाव के लिए बेहतर और आसान तरीका है.
- अगर किसी को शुगर, बीपी या हायपरटेंशन की समस्या है तो हर तीन महीने पर किडनी संबंधी जांच कराते रहें. बीपी और शुगर की भी समय से जांच कराते रहें.
- किडनी को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन न करें.
- बिना डॉक्टर की सलाह से कोई दवाई न खाएं.
- किडनी की बीमारी आनुवंशिक भी होती है. इसलिए जिसके परिवार में किडनी की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री हो उसे जरूर जांच करानी चाहिए और शुरू से ही सावधानी बरतनी चाहिए.
किडनी खराब होने के लक्षण:डॉ. हिमांशु ने बताया कि किडनी खराब (Symptoms of kidney failure) होने के लक्षण तब पता चलता है जब करीब 60 प्रतिशत किडनी खराब हो जाती है. इसलिए किडनी की जांच बिना लक्षण के भी करा लेनी चाहिए. किडनी खराब होने पर पैरों और आंख में सूजन आने लगती है. रात में पेशाब ज्यादा आता है. बीपी बढ़ने लगता है. सांस फूलना और भूख लगना कम हो जाता है. हड्डियों में दर्द होने लगती है.