दिल्ली

delhi

अपनी किडनी का रखें ख्याल, बचाव ही है इलाज का बेहतर उपाय

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 14, 2024, 3:51 PM IST

World Kidney Day 2024: किडनी का काम शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना है. इनकी मौजूदगी कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है. यही बात लोगों तक पहुंचाने के मकसद से विश्व किडनी डे की शुरुआत की गई थी. आइए, जानते हैं किडनी से जुड़ी अन्य जरूरी बातें...

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली:किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है. इसके बिना शरीर के स्वस्थ रहने की कल्पना नहीं की जा सकती. किडनी शरीर से गैर जरूरी और बेकार की चीजों को फिल्टर कर शरीर में लिक्विड को संतुलित रखने में दिन रात काम करती रहती है. आज के दौर में किडनी की बीमारी, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है. लगभग हर उम्र के व्यक्ति में किडनी रोग का खतरा देखा जा रहा है. इसलिए जरूरी है कि कम उम्र से ही इस अंग के बेहतर देखभाल पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए.

राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के डायरेक्टर प्रोफेसर और विभागाध्याक्ष डॉ. हिमांशु ने बताया कि किडनी की बीमारी एक बार होने के बाद इसका इलाज लंबा चलता है. साथ ही इलाज महंगा होता है. इसलिए किडनी रोग से बचाव के लिए सावधानी बरतना और किडनी को स्वस्थ रखना ही सबसे अच्छा तरीका है.

किडनी को ठीक रखने के लिए करें यह उपाय

  1. 40 वर्ष की उम्र पार करने के बाद किडनी की जांच अल्ट्रासाउंड और पेशाब की जांच नियमित रूप से करानी चाहिए. साथ ही क्रिएटिनिन टेस्ट भी कराएं.
  2. किडनी को ठीक रखने के लिए खूब पानी पिएं. 24 घंटे में कम से कम ढाई लीटर पानी पिएं. संतुलित आहार लें बाहर का खाना और ऑयली खाना कम खाएं.
  3. वॉक, रनिंग, साइक्लिंग और नियमित व्यायाम भी किडनी रोग से बचाव के लिए बेहतर और आसान तरीका है.
  4. अगर किसी को शुगर, बीपी या हायपरटेंशन की समस्या है तो हर तीन महीने पर किडनी संबंधी जांच कराते रहें. बीपी और शुगर की भी समय से जांच कराते रहें.
  5. किडनी को स्वस्थ रखने के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन न करें.
  6. बिना डॉक्टर की सलाह से कोई दवाई न खाएं.
  7. किडनी की बीमारी आनुवंशिक भी होती है. इसलिए जिसके परिवार में किडनी की बीमारी की फैमिली हिस्ट्री हो उसे जरूर जांच करानी चाहिए और शुरू से ही सावधानी बरतनी चाहिए.

किडनी खराब होने के लक्षण:डॉ. हिमांशु ने बताया कि किडनी खराब (Symptoms of kidney failure) होने के लक्षण तब पता चलता है जब करीब 60 प्रतिशत किडनी खराब हो जाती है. इसलिए किडनी की जांच बिना लक्षण के भी करा लेनी चाहिए. किडनी खराब होने पर पैरों और आंख में सूजन आने लगती है. रात में पेशाब ज्यादा आता है. बीपी बढ़ने लगता है. सांस फूलना और भूख लगना कम हो जाता है. हड्डियों में दर्द होने लगती है.

किडनी खराब होने के लक्षण

किडनी की बीमारी का इलाज:डॉ. हिमांशु ने बताया कि किडनी की बीमारी का इलाज मुख्य रूप से डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट ही है. लेकिन, डायलिसिस की सुविधा हर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. इसके लिए भी लोगों को तारीख लेनी पड़ती है. हालांकि, कई राज्यों में अब जिला स्तरीय अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा मिलने लगी है. इसके अलावा किडनी ट्रांसप्लांट बहुत ही महंगा इलाज है और यह आसानी से होता भी नहीं है. इसके लिए बहुत सारे नियम कानून का पालन करना होता है.

भारत में किडनी ट्रांसप्लांट के नियम:डॉ. हिमांशु के अनुसार किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिर्फ परिवार के सदस्य ही एक दूसरे को किडनी दान कर सकते हैं. इसके अलावा अगर किसी से किसी का पारिवारिक संबंध नहीं है और वह उसे किडनी दान करना चाहता है तो उसके लिए एक कमेटी बनती है. कमेटी सारी चीजों को देखती और उसकी जांच पड़ताल करती है. साथ ही यह भी देखा जाता है कि किडनी दान लेने में किसी भी तरह के पैसे का कोई लेन देन तो नहीं हुआ है.

दुनिया के किसी भी देश में किडनी को खरीदने या बेचने की कानूनी रूप से अनुमति नहीं है. इसे जघन्य अपराध माना जाता है. इसलिए अधिकतर किडनी ट्रांसप्लांट परिवार के लोगों द्वारा किडनी देने पर ही होते हैं. साथ ही डोनर की भी सभी तरह की जांच की जाती है कि वह किडनी देने के लिए फिट है या नहीं. उसकी दोनों किडनी पूरी तरह काम कर रही हैं या नहीं. अगर डोनर की किडनी में किसी भी तरह की कोई कमी इन्फेक्शन पाया जाता है तो उसकी किडनी नहीं ली जाती है. किडनी ट्रांसप्लांट पर भी लाखों रुपये का खर्चा आता है. जिसे उठाना हर किसी के बजट में नहीं होता है.

इसलिए मनाया जाता है विश्व किडनी दिवस:विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day) वर्ष 2006 में इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशंस (आईएफकेएफ) द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी. इसका उद्देश्य लोगों को किडनी रोगों से बचाव के लिए जागरूक करना है. साथ ही किडनी रोग के इलाज के लिए भी लोगों में समझ विकसित करना है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details