जोधपुर.महिलाओं में गर्भाशय कैंसर का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं बच्चेदानी यानी गर्भाशय हटाना भी इसका उपचार नहीं है. सिर्फ टीकाकरण और समय अपर स्क्रीनिंग से बचाव हो सकता है. यह कहना है प्रदेश की पहली गायनी कैंसर सर्जन डॉ अपूर्वा टाक का. मूलत जोधपुर की रहने वाली डॉ अपूर्वा मानती हैं कि कैंसर केयर गैप कम होना जरूरी है. यानी की समय पर स्क्रीनिंग, बचाव के लिया एचपीवी टीका और उपचार के लिए समय रहते सर्जरी जरूरी है. कैंसर डे पर एक वीडियो संदेश में टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल गुवाहाटी में कार्यरत डॉ अपूर्वा ने बताया कि यह एक मात्र कैंसर है, जिससे बचा जा सकता है.
केंद्र सरकार ने सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण की घोषणा की है, जो काफी लाभदायक होगा. लेकिन इसकी शुरुआत शादी से पहले 9 से 14 की उम्र की लड़कियों से होनी चाहिए. इसमें दो डोज लगती हैं. इसके उपर 3 डोज लगती हैं. शादी से पहले अगर टीकाकरण होता है, तो ज्यादा असरदार होता है. यह बीमारी ह्यूमन पेपिनोमा वायरस से होती है. उल्लेखनीय है कि डॉ अपूर्वा उम्मेद अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ भारती टाक और एनेस्थिसिया के डॉ एमएल टाक की पुत्री हैं. अपूर्वा ने जोधपुर डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया. आरएनटी मेडिकल कॉलेज से गायनी में पीजी की और टीएमएच गुवाहाटी से गायनी ओंकों सर्जरी में एमसीएच किया. इस सुपर स्पेशलिटी में 2020 में राजस्थान से चयन होनी वाली वह पहली डॉक्टर हैं.
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