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दो टुकड़े हुए हाथ को डॉक्टरों ने फिर से जोड़ा - RML HOSPITAL DOCTOR REIMPLANT HAND

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने हाथ से कटकर अलग हो गई शख्स की हथेली फिर से जोड़कर कमाल कर दिया है.

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 5 hours ago

Published : 5 hours ago

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Etv Bharat)

नई दिल्ली:डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मजदूर के हाथ से कट कर बिल्कुल अलग हो गई हथेली को जोड़ने में सफलता हासिल की है. मशीन से मरीज की हथेली कट कर बिल्कुल अलग हो गई थी. आरएमएल अस्पताल से दी गई जानकारी के अनुसार 28 सितंबर को एक 24 वर्षीय फैक्ट्री कर्मचारी बहादुरगढ़ हरियाणा से लेजर वुडकटर मशीन द्वारा दाहिने हाथ के पूरी तरह कटे हुए हिस्से के साथ डॉ आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी में आया. उसने खुद अपने कटे हुए हाथ के हिस्से को दूसरे हाथ में उठाया और बहादुरगढ़ के स्थानीय अस्पताल पहुंचा.

9 घंटे तक चली हथेली को जोड़ने के लिए सर्जरी, मरीज की हालत अब ठीक

वहां से उसे डॉ आरएमएल अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां से उसे तुरंत प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया. जहां प्रोफेसर डॉ मुकेश शर्मा के नेतृत्व में एक टीम ने तुरंत ओटी में एनेस्थीसिया टीम, ऑर्थोपेडिक टीम, ओटी नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ, ब्लड बैंक और लैब को सूचित किया. साथ ही उसे तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया. माइक्रोवैस्कुलर तकनीक के साथ माइक्रोस्कोप के नीचे हड्डियों और टेंडन को ठीक करके धमनियों, नसों और तंत्रिकाओं को फिर से जोड़कर हथेली को फिर से प्रत्यारोपित करने में लगभग 9 घंटे लगे. सर्जरी के बाद, मरीज को तीन और दिनों के लिए आईसीयू में रखा गया और अब उसकी हालत ठीक है.

सर्जरी टीम में सीनियर रेजीडेंट डॉ. सोनिका, डॉ. सुकृति, डॉ. धवल, डॉ. बुली और ऑर्थोपेडिक्स से डॉ. विग्नेश, डॉ. मंजेश और डॉ. शुभम भी शामिल थे. एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व प्रोफेसर डॉ. नमिता अरोड़ा, डॉ. शुभि, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. आशुतोष और सीनियर रेजीडेंट डॉ. सोनल ने किया. प्रक्रिया को ईसीएस ओटी नर्सिंग, तकनीकी स्टाफ ने अच्छा सहयोग दिया.

छह घंटे के अंदर कटे हुए भाग को अस्पताल लाने से सफल प्रत्यारोपण की बढ़ती संभावना

निदेशक प्रोफेसर और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. समीक भट्टाचार्य ने बताया कि अगर कटे हुए हिस्से को छह घंटे से कम समय में अस्पताल लाया जाता है तो सफल प्रत्यारोपण की अच्छी संभावना होती है. उन्होंने कहा कि कटे हुए हिस्से को पानी से या संभव हो तो स्टेराइल सलाइन सॉल्यूशन से साफ करना चाहिए. उन्होंने बताया कि आरएमएल अस्पताल का प्लास्टिक सर्जरी विभाग अच्छी तरह से सुसज्जित है और ऐसे मामलों में ऑपरेशन करने के लिए चौबीसों घंटे प्रशिक्षित सर्जन मौजूद हैं. डॉ. नीरजा बनर्जी की अध्यक्षता वाली एनेस्थीसिया टीम 24 घंटे एनेस्थीसिया की सेवाएं प्रदान करती है.

प्रोफेसर डॉ. अजय शुक्ला, निदेशक और चिकित्सा अधीक्षक आरएमएल अस्पताल ने अस्पताल में ऐसे उच्च स्तरीय ऑपरेशन के लिए सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे, उपकरण और प्रशिक्षण की सुविधाओं को सुनिश्चित किया है.

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