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तालाब किनारे केले के पेड़ लगा रहीं महिलाएं, 100 पेड़ों से 45 हजार रुपए महीने की बचत, मछली से भी मुनाफा - मछली पालन

महिलाओं की आय बढ़ाने और देश की इकोनाॅमी में उनकी भागीदारी (fish farming in Basti) तय करने के लिए खास पहल की जा रही है. इसे लेकर समूह की महिलाओं को भिन्न भिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 7, 2024, 7:52 AM IST

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए DM की पहल

बस्ती :महिला समूहों और महिला किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बस्ती डीएम ने मोदी सरकार की महत्वपूर्ण योजना को धरातल पर उतारा है. इस योजना के तहत गांव की जागरूक महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और उनका समग्र विकास भी हो सकेगा. महिलाओं की आय को बढ़ाने के लिए और देश की इकोनॉमी में उनकी भागेदारी तय करने के लिए केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार काफी दृढ़ संकल्पित है, जिसको लेकर समूह की महिलाओं को भिन्न-भिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जा रहा है. उसी क्रम में एक कदम आगे बढ़ते हुए बस्ती जिला प्रशासन द्वारा समूह की महिलाओं से मिश्रण खेती कराई जा रही है, जिससे एक ही जगह से महिलाओं को डबल प्रॉफिट हो सके और महिलाओं की आय भी डबल हो सके.

गांव के तालाब का पहले किया जा रहा सुंदरीकरण :जिलाधिकारी बस्ती अंद्रा वामसी के पहल पर जनपद की सभी 1247 ग्राम सभाओं में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कंबाइन खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत सम्बन्धित गांव के तालाब का पहले सुंदरीकरण किया जा रहा है और फिर किनारे मेड़ पर केले के पेड़ लगवाए जा रहे हैं, जिससे महिलाएं मत्स्य पालन के साथ-साथ केले की खेती से भी आय अर्जित कर सकें और उनकी आय में भी वृद्धि हो सके.

जिलाधिकारी अंद्रा वामसी ने बताया कि बस्ती जनपद में अभी तक 1085 गांवों में 'बनाना प्लस फिश पोंड्स' बनाए जा चुके हैं. साथ ही 1085 तालाबों पर 42 हजार 493 केले के पेड़ भी लगाए जा चुके हैं, जिसमें 9150 मनरेगा जॉब कार्ड धारकों को 5 लाख 47 हजार 129 दिनों का मानदेय भी मिल रहा है. प्रशासन द्वारा तालाब के साइज के हिसाब से उसके सुंदरीकरण और पौधरोपण के लिए 1.28 लाख से लेकर 6 लाख तक के बजट भी दिया जा रहा है, जिसमें 682 किलोग्राम से लेकर 1364 किलोग्राम तक मछली उत्पादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. साथ ही प्रति सौ पेड़ पर 45 हजार रुपए बचत का भी लक्ष्य दिया गया है. इसकी जिम्मेदारी उस गांव के समूह की महिला के हाथों में होगी. उन्होंने कहा कि एक साथ हॉर्टिकल्चर और पिसिकल्चर की कम्बाइन खेती से महिलाओं के आय में इजाफा होगा और वो आत्मनिर्भर बन सकेंगी. साथ ही बचे हुए गांव में भी जल्द ही यह काम किया जाएगा.



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