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सब्जियों ने महिलाओं को बनाया लखपति, थोड़ी सी मदद लेकर बदल ली तकदीर - VEGETABLE PRODUCTION

दुर्ग जिले के धमधा में महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं.सरकारी योजना के सहारे शिव शक्ति स्वसहायता समूह अब लाखों कमा रहा हैं.

earning in lakhs
सब्जी उत्पादन से महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 24, 2024, 8:21 AM IST

Updated : Dec 24, 2024, 8:54 AM IST

दुर्ग : दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के टेकापार गांव में शिव शक्ति स्वसहायता समूह की महिलाएं सब्जी उत्पादन कर मुनाफा कमा रहीं हैं. इन महिलाओं ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से ये काम शुरु किया.मौजूदा समय में महिलाएं एक सफल व्यवसायी बन चुकी हैं. महिलाओं की मानें तो जमीन के अभाव में उनके लिए सब्जी उत्पादन का काम मुश्किल था. ऐसे में टेकापार ग्राम पंचायत उनकी मदद के लिए आगे आया. महिलाओं को ग्राम पंचायत ने सब्जी उत्पादन के लिए 7 एकड़ की जमीन उपलब्ध कराई. जिसके बाद इस काम में 9 समूह की करीब 13 महिलाएं जुटी. 25 हजार रुपए की लागत से महिलाओं ने मिलकर इस काम की शुरुआत की.अब ये महिलाएं अपनी थोड़ी सी पूंजी से लाखों रुपए कमा रही हैं.

हर सीजन में उगाती हैं सब्जियां :महिलाएं मेहनत करके टमाटर, धनिया, मिर्ची,नवलगोल, गोभी सहित कई तरह की सब्जियों का उत्पादन कर रहीं हैं. महिलाओं के मुताबिक इस काम से उनके जीवन में आर्थिक रूप पर काफी सुधार आया है. सब्जी बेचकर होने वाली आमदनी से महिलाएं ना सिर्फ खुद का खर्चा चला रही हैं बल्कि घर की जरुरतें भी पूरी कर रही हैं.शक्ति स्वसहायता समूह अध्यक्ष रूखमणी वर्मा ने बताया कि 9 समूह की 13 महिलाएं यहां कार्य कर रही हैं. जिसमें समूह की महिलाओं ने पौष्टिक सब्जियां उपलब्ध करा रही हैं.

धमधा में महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई (ETV BHARAT)

अभी ठंड के मौसम में नवलगोल,भिण्डी, सेमी, मूली, मिर्ची, भांटा, करेला, धनियां लगाए हैं. गर्मी के मौसम में भिंडी, चुचुटियां लगाते हैं. पहले हम सभी महिलाएं खेतों में काम करने जाती थी. हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. अब हम सब्जियां बाड़ी से तोड़कर दुर्ग की सब्जी मंडी में बेचकर लाभ कमा रहे हैं. जिससे हमारी कमजोर आर्थिक स्थिति अच्छी हो गई.अब एक लाख रुपए तक आय हो जाता है-रुखमणी वर्मा, अध्यक्ष, शक्ति स्वसहायता समूह

शिव शक्ति स्वसहायता समूह की सदस्य संतोषी निर्मलकर ने बताया कि एक समूह में 13 महिलाएं काम करती है. यह जमीन 2021 में मिली है. इसमें पहले हमें 50 हजार रुपए तक मिल जाता था. अभी एक लाख रुपए कमा रहे हैं. ग्राम पंचायत टेकापार की सरपंच सावित्री ने बताया कि जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया. फिर इसे पशुओं के लिए चारागाह बनाया गया. इसके बाद पंचायत ने यह जमीन आरक्षित कर समूह की महिलाओं को आजीविका के लिए मुहैया कराई.

ग्राम पंचायत ने उपलब्ध कराई जमीन (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

यहां 9 समूह की 13 महिलाएं यहां काम कर रही हैं. घर से निकलकर कारोबार कर रही महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी ठीक हुई है. इससे वो अपने परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर पा रही हैं- सावित्री,सरपंच, ग्राम पंचायत टेकापार

खेत में मिर्च समेत दूसरी सब्जियों की पैदावार (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

ग्राम टेकापार क्षेत्र की पीआरपी राधिका साहू ने बताया कि समूह की महिलाएं गांव में सब्जियां उपलब्ध करा रही हैंं.टमाटर, सेमी, भिण्डी, धनिया, मेथी, मिर्ची सहित अन्य सब्जियां महिलाएं उगा रही हैं.

सब्जियों को हम दुर्ग की सब्जी मंडी में बेचकर लाभ अर्जन कर रहे हैं. इससे महिलाओं को आमदनी भी हो रही है.साथ ही साथ हमारी आर्थिक स्थिति कमजोर थी वो अच्छी हो गई है- राधिका साहू,पीआरपी

टेकापार गांव में महिलाएं घर से निकलकर अपना रोजगार चला रही हैं. शासन की योजना के तहत यहां पर बाड़ी में सब्जियां उगाकर महिलाएं लाभ अर्जित कर रही हैं. 7 एकड़ जमीन 2020-21 में हैण्डओवर की गई थी. उद्यानिकी विभाग ने अपना योगदान देकर पोल और फेंसिंग तार लगाया.पंचायत ने एक मोटर पंप भी उपलब्ध कराया. जिसके बाद महिलाओं ने पंचायत से मिले इस मदद को अपनी तरक्की की सीढ़ी बना लिया.


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Last Updated : Dec 24, 2024, 8:54 AM IST

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