हजारीबाग:भ्रूण जांच और भ्रूण हत्या दोनों पर पूर्ण प्रतिबंध होने के बावजूद चंद रुपयों के लालच में कुछ सहिया और डॉक्टर इसे करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ताजा मामला हजारीबाग के इचाक थाना क्षेत्र से सामने आया, जहां गर्भपात के दौरान एक महिला की मौत हो गई. मामले का खुलासा होने पर पता चला कि परिजनों के कहने पर सहिया ने भ्रूण जांच कराई थी, जिसमें पता चला कि महिला के गर्भ में लड़की है. जिसके बाद परिजन गर्भपात कराने पहुंच गए. पूरी घटना जिले के नवाबगंज स्थित आशा किरण महिला अस्पताल में घटी.
बेटी होने पर कराया जा रहा था गर्भपात
मृत महिला की पहचान इचाक थाना क्षेत्र निवासी लक्ष्मी देवी के रूप में हुई है. महिला के पति किटा कुमार ने बताया कि उन्होंने बरही स्थित अस्पताल में महिला के भ्रूण की जांच कराई थी. जहां बताया गया कि उसके गर्भ में लड़की है. सहिया की मदद से परिजन उसे हजारीबाग के नवाबगंज स्थित आशा किरण महिला अस्पताल ले गए, जहां महिला का गर्भपात कराया जाने लगा. लेकिन इस दौरान महिला की मौत हो गई. घटना बुधवार रात एक बजे की है. मृतका लक्ष्मी देवी के पति ने बताया कि सहिया की मदद से महिला को अस्पताल लाया गया था.
गोरतलब हो कि भ्रूण टेस्ट करना गैरकानूनी है, इसके बावजूद भ्रूण जांच की जा रही है. सरकार ने नियम बनाया है कि सहिया को गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल लाना है. लेकिन चंद पैसों के लालच में ग्रामीण क्षेत्र की सहिया मरीज को निजी अस्पताल ले जाती हैं.
सहिया ने भ्रूण जांच की बात से किया इनकार