कानपुर जू में भेड़िये को देखने की उत्सुकता बड़ी, डॉ. अनुराग सिंह ने दी जानकारी (video credit- Etv Bharat) कानपुर : यूपी में इन दिनों भेड़िये की चर्चा हर किसी की जुबां पर है. बहराइच में भेड़िए के आतंक की जो तस्वीरें सामने आई, उनसे हर कोई सहम सा गया. अब कई अन्य शहर भी भेड़िये के आतंक से जूझ रहे हैं. वन मंत्री से लेकर सरकार के आला अफसरों तक इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि आखिर अचानक से ये भेड़िए कहां से आ गए?. वहीं अब तक भेड़ियों की हिंसक प्रवृत्ति से अनजान लोग अचानक से इस जंगली जानवर में ज्यादा रुचि लेने लगे हैं.
बहराइच में पांच भेड़ियों को काफी मशक्कत और जद्दोजहद के बाद पकड़ा भी गया है. अब, इन्हीं भेड़ियों की चर्चा कानपुर के चिड़ियाघर में भी तेजी से शुरू हो गई है. यहां जो दर्शक जू घूमने आ रहे हैं, उनमें 97 प्रजातियों के करीब 1000 वन्यजीवों के बीच भेड़िए को देखने की उत्सुकता सबसे अधिक है. लोगों का कहना है, कि आखिर जिस भेड़िए को पूरे उप्र में तलाशा जा रहा है आखिर वह कैसा दिखता है.
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बाड़े में बंद हैं भेड़िये, देखने के लिए पहुंच रहे ज्यादा लोग :कानपुर जू के डॉक्टर अनुराग सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कानपुर जू में जो भेड़िए मौजूद हैं, वह खूंखार हो सकते हैं. लेकिन, दर्शकों के लिए राहत भरी बात यह है कि ये बाड़े में बंद हैं. हालांकि, लोगों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग ग्रामीण परिवेश हैं वह सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले बाहर न निकलें. जरूरी काम हो तो पूरी सावधानी के साथ ही निकलें. डॉ.अनुराग ने कहा कि कानपुर जू में इस समय दर्शक भेड़िए को सबसे अधिक देखना पसंद कर रहे हैं.
जू में मौजूद कुल चार भेड़िए, तीन जोधपुर तो एक चेन्नई से आया कानपुर : जू के डॉ. अनुराग सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर में मौजूदा समय में कुल चार भेड़िये हैं. इनमें से तीन भेड़िए (तीनों माद) को जहां जोधपुर जू से लाया गया था. वहीं, एक भेड़िए (नर) को चेन्नई जू से लाया गया. उन्होंने कहा, कि जो जंगल में भेड़िए होते हैं, वह अधिक खतरनाक होते हैं. वहीं, चिड़ियाघर में जो भेड़िए मौजूद हैं वह सभी जू में ही जन्मे हैं.
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