जयपुर :राजधानी सहित प्रदेश में गुलाबी सर्दी का अहसास होने लगा है. धीरे-धीरे ठंड बढ़ने के साथ ठिठुरन भी बढ़ेगी. इसी के मद्देनजर स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी नगरीय निकायों को आश्रय स्थल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं, जिसमें असहाय व्यक्तियों को राहत देने के लिए बिस्तर, पेयजल, प्रकाश और शौच आदि की व्यवस्था की जानी है. इसके साथ ही भिखारियों के पुनर्वास के लिए चिह्नित आश्रय स्थलों में व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले और केंद्र सरकार की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार शहरी क्षेत्र में बेसहारा और आश्रय विहीन लोगों को आश्रय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. डीएलबी डायरेक्टर कुमार पाल गौतम ने रेन बसेरों के संचालन के संबंध में सभी नगरीय निकायों को आदेश जारी किए.
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इसके तहत शहरी क्षेत्र में आश्रय विहीन लोगों को 24 घंटे वर्ष पर्यंत सर्दी, गर्मी और वर्षा के मौसम से बचने के लिए आधारभूत व्यवस्थाएं बिस्तर, शुद्ध पेयजल, प्रकाश, महिला-पुरुषों को शौच और स्नान के लिए अलग-अलग व्यवस्था क्लॉक रूम की व्यवस्था की जानी है. ऐसे में स्थानीय निकाय विकास प्राधिकरणों और विकास न्यासों के सहयोग से शहरी क्षेत्र में स्थाई या अस्थाई आश्रय स्थलों का संचालन करें.
ये दिए निर्देश : ऐसे स्थान का चिह्नीकरण किया जाए, जहां आश्रय विहीन और असहाय लोग आसमान के नीचे खुले स्थानों पर रहते हो वहां से इन आश्रय स्थलों में उनका स्थानांतरण करने के लिए आवश्यक वाहन की भी व्यवस्था की जाए.
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- आश्रय स्थल के नीचे का फर्श उबड़-खाबड़ ना हो.
- विश्राम स्थल पर बचाने के लिए पर्याप्त दरी-गद्दे और ओढ़ने के लिए रजाई-कंबल की व्यवस्था हो.
- ज्यादा ठंड होने पर हाथ तापने के लिए लकड़ी और कोयले की निशुल्क व्यवस्था हो.
- आश्रय स्थल की जानकारी का प्रचार-प्रसार किया जाए.
- यहां ठहरने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच कर मौके पर ही औषधि उपलब्ध कराई जाए.
- रियायती दर या निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए.
आदेशों में नगरीय निकायों के प्रमुखों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही या कोताही नहीं बरती जाए. साथ ही अधिकारियों को रात में निरीक्षण करते हुए कमी-खामियों को दूर करने के भी निर्देश दिए गए हैं.