रांची: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. ईवीएम में कैद प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला 4 जून को होगा. मंगलवार सुबह 8:00 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी. इन सबके बीच झारखंड में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि जीत को लेकर कोई भी राजनीतिक दल पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है. राजनीतिक बयान में भले ही एनडीए और इंडिया गठबंधन के द्वारा झारखंड की सभी 14 सीटें जीतने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि अंदरखाने सभी पार्टियां चुनाव परिणाम को लेकर सशंकित है.
जानकारी देते झारखंड बीजेपी के नेता प्रदीप सिन्हा. (वीडियो-ईटीवी भारत) बीजेपी में अंदरखाने संशय की स्थिति
संशय की स्थिति सबसे ज्यादा बीजेपी के अंदर में देखी जा रही है जो चुनाव में झारखंड की सभी 14 सीट जीतने का लक्ष्य लेकर उतरी थी. पूरे चुनाव के दौरान सभी सीटों को जीतने की बात भी कही गई, लेकिन वोटिंग के बाद जो रिपोर्ट पार्टी को मिली है वह ज्यादा सकारात्मक नहीं दिख रहा है. पार्टी में अंदरखाने अधिकतम 10 सीट जीतने की बात कही जा रही है. दबी जुबान में पार्टी के बड़े नेता तो यह भी कह रहे हैं कि डबल डिजीट से यदि कम हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं. ऐसे में बीजेपी को अंदेशा है कि कहीं अत्यधिक खुशी गम में न तब्दील हो जाए.
लक्ष्य हासिल करने में सफल होगी झारखंड बीजेपीः प्रदीप सिन्हा
हालांकि बीजेपी नेता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि हमारा जो लक्ष्य था उसे जरूर पूरा करने में हम सफल होंगे.चुनावी आकलन भलें ही अलग-अलग हो, लेकिन रिजल्ट जब आएगा तो पता चल जाएगा कि बीजेपी ने जिस आत्मबल और मोदी की गारंटी के आधार पर चुनाव लड़ी उसका क्या नतीजा हुआ.
2019 में 14 में से 12 सीट एनडीए के खाते में गई थी
2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 सीटों में से 12 सीट एनडीए के खाते में गई थी. इस चुनाव में बीजेपी ने 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी और एक सीट आजसू को मिला था. इस बार चुनाव परिणाम चौंकाने वाले आ सकते हैं. कई सीटों पर प्रत्याशी बदले जाने के बावजूद बीजेपी स्थानीय चुनाव प्रबंधन सही ढंग से नहीं कर पाई. जिला और मंडल स्तर पर बीजेपी की टीम को प्रत्याशी द्वारा चुनाव के वक्त उपेक्षा झेलना पड़ा. इस कारण कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई. इसकी शिकायत प्रदेश स्तर तक पहुंची है.इसके अलावे कई सीटों पर स्थानीय मुद्दे हावी होने की वजह से सीधा मुकाबले की बजाय त्रिकोणीय होने की संभावना है. ऐसे में सभी 14 सीट को जीतने के लक्ष्य से दूर होता देख बीजेपी को आशंका है कि सकारात्मक परिणाम न आए.
इस बार बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में नहीं बन रही मिठाई
इन सब आशंकाओं के बीच इस बार बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मिठाई नहीं बन रही है. आम तौर पर चुनाव परिणाम आने से ठीक एक दिन पहले इसकी व्यापक तैयारी की जाती थी. बहरहाल, जैसे-जैसे समय नजदीक आता जा रहा है प्रत्याशियों की दिल की धड़कन तेज है और कयासों का बाजार गर्म है.
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