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बिहार उपचुनाव में ओवैसी, मायावती, पीके की एंट्री से टेंशन! क्या NDA और महागठबंधन की बढ़ेगी मुश्किल

बिहार उपचुनाव में प्रशांत किशोर, ओवैसी और मायावती खेला कर सकते हैं. इन तीनों की एंट्री से एनडीए और महागठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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बिहार उपचुनाव की जंग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 21, 2024, 7:20 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा की चार सीटों के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा. चार सीटों पर होने वाले उपचुनावको लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. इस उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने उपचुनाव की सभी 4 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं. अब बसपा और एआईएमआईएम ने भी अपने प्रत्याशी देने का फैसला कर लिया है.

4 सीटों पर होना है उपचुनाव:बिहार में होने वाले उपचुनाव में इन राजनीतिक दलों की एंट्री के बाद चुनाव अब दिलचस्प होने की संभावना है. 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार विधानसभा के चार सदस्य लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी. रामगढ़ के राजद विधायक सुधाकर सिंह बक्सर से सांसद बने थे. इमामगंज के हम (से) विधायक जीतनराम मांझी गया से सांसद चुने गए थे. बेलागंज के राजद विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव जहानाबाद से सांसद चुने गए थे और तरारी के सीपीआईएमएल विधायक सुदामा प्रसाद आरा से सांसद चुने गए थे. सांसद चुने जाने के कारण इन चारों सीटों से इस्तीफा दे दिया था. इन्हीं रिक्त सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होना है.

किसको होगा फायदा और किसको नुकसान (ETV Bharat)

NDA ने किनपर लगाया दांव: एनडीए की तरफ से चारों प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी गई है. रामगढ़ और तरारी पर बीजेपी ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. रामगढ़ से भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह पूर्व विधायक उनको टिकट दिया है. जबकि तरारी से प्रत्याशी विशाल प्रशांत बनाये गए हैं जो बाहुबली सुनील पांडेय के बेटे हैं. इसके अलावा इमामगंज सीट पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी को अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं जदयू ने बेलागंज सीट से मनोरमा देवी को टिकट दिया है.

इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी: जिन-चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं उसमें पिछले चुनाव में तीन सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत हुई थी. 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए इंडिया गठबंधन अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी ने जगदानंद सिंह के छोटे पुत्र अजीत कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. बेलागंज से आरजेडी ने सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. इमामगंज से राजद ने रौशन कुमार मांझी को अपना उम्मीदवार बनाया है. तरारी विधानसभा क्षेत्र से सीपीआईएमएल ने राजू यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है.

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पीके ने 2 अक्टूबर को बनायी पार्टी: प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को पार्टी का गठन किया था. उसी दिन उन्होंने बिहार विधानसभा की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सभी सीटों पर प्रत्याशी कार्य करने की घोषणा कर दी थी. प्रशांत किशोर ने सबसे पहले तरारी विधानसभा क्षेत्र के लिए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एस के सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन उनके नाम पर एक पेंच फंस गई है कि वह तरारी विधानसभा क्षेत्र के मतदाता नहीं है. इसीलिए उनकी जगह पर किसी अन्य को टिकट देने की घोषणा हो सकती है.

महागठबंधन और एनडीए को हो सकता है नुकसान!:जन सुराज ने बेलागंज से प्रोफेसर खिलाफत हुसैन और इमामगंज से डॉक्टर जितेंद्र पासवान को टिकट दिया है. प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी की गठन के दिन ही अपने कार्यकर्ताओं को कहा था कि उपचुनाव में ही बिहार के सत्ताधारी एवं विपक्षी पार्टी को राजनीतिक रूप से सेट कर देंगे. उपचुनाव को लेकर जन सुराज ने जिस तरीके से प्रत्याशियों का चयन किया है उससे एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों को नुकसान पहुंच सकता है.

बेलागंज में आरजेडी को टेंशन: बेलागंज से प्रशांत किशोर ने मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा किया है जो आरजेडी को नुकसान पहुंचा सकता है. इमामगंज से पासवान उम्मीदवार खड़ा किया है, वह एनडीए को नुकसान पहुंचा सकते हैं. रामगढ़ सीट पर जन सुराज कल प्रत्याशी के नाम की घोषणा करने वाली है. रामगढ़ सीट पर प्रशांत किशोर किसी कुशवाहा प्रत्याशी पर अपना दावा खेल सकते हैं.

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एआईएमआईएम भी चुनाव मैदान में: बिहार विधानसभा के उपचुनाव को लेकर एआईएमआईएम की बिहार प्रदेश कमेटी ने सभी चार सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए आला कमान को एक लिस्ट सौपी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान ने ईटीवी भारत से फोन पर बातचीत में कहा कि चार सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम को लेकर पार्टी के आलाकमान को लिस्ट सौंप दी गई है. उनकी तैयारी सभी चार सीटों की है, लेकिन बेलागंज और इमामगंज दो विधानसभा की सीटों पर पार्टी हर हाल में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी.

"1 से 2 दिन में दोनों उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी. एआईएमआईएम ने 2015 विधानसभा चुनाव में रानीगंज सीट से एक दलित उम्मीदवार प्रोफेसर अमित कुमार पासवान को उम्मीदवार बनाया था. भाजपा के लोग हमें मुसलमान के हिमायती समझते हैं जबकि मुसलमान के वोटों के सौदागर उनकी पार्टी को बीजेपी की B टीम रहती है. लेकिन हकीकत यही है कि हमारी पार्टी सेकुलर पार्टी है जो सभी धर्म में विश्वास रखती है. पार्टी बिहार विधानसभा के उपचुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी."- अख्तरुल इमान,प्रदेश अध्यक्ष,एआईएमआईएम

बसपा बढ़ाएगी राजद की टेंशन: रामगढ़ उपचुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है. बसपा ने वहां से सतीश कुमार यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. सतीश कुमार यादव रामगढ़ के पूर्व विधायक अंबिका यादव के भतीजे हैं. दो राजपूत उम्मीदवार के मुकाबले बसपा ने यादव प्रत्याशी पर अपना दांव खेल है. 2020 विधानसभा चुनाव में रामगढ़ से अंबिका यादव मात्र 174 वोट से सुधाकर सिंह से चुनाव हारे थे.

यादव वोटों में बिखराव से एनडीए को फायदा: उत्तर प्रदेश से सटे हुए रहने के कारण इस विधानसभा सीट पर बसपा का शुरू से ही अच्छा प्रभाव रहा है. 2015 विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी प्रमोद सिंह को 35796 वोट मिला था. 2020 विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी अंबिका यादव को 57894 वोट मिला था. अंबिका यादव का रामगढ़ क्षेत्र में अच्छा प्रभाव माना जाता है. 2009 के उपचुनाव में और 2010 के विधानसभा चुनाव में वह राजद के सिंबल पर वहां से विधायक चुने गए थे. रामगढ़ सीट पर यदि यादव वोटो में खराब हुआ तो उसका सीधा नुकसान आरजेडी को होगा. क्योंकि वहां पर बीजेपी और राजद दोनों राजपूत उम्मीदवार को टिकट दिया है. यादव वोटों में बिखराव की स्थिति में एनडीए को इसका फायदा हो सकता है.

दूसरे दलों के प्रायोजित उम्मीदवार: RJD के प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि जन सुराज, बहुजन समाज पार्टी और एआईएमआईएम से किसी तरह का ख़तरा नहीं है. एजाज अहमद का मानना है कि जन सुराज नई पार्टी है लेकिन इससे पहले भी एआईएमआईएम और बहुजन समाज पार्टी चुनाव लड़ चुकी है. इन लोगों को बिहार के लोगों ने बता दिया है कि उनकी राजनीतिक स्थिति कैसी है.

"बिहार की जनता का विश्वास राजद और तेजस्वी यादव के प्रति है. बिहार के लिए जो काम तेजस्वी यादव ने सत्ता में रहते हुए रोजगार के माध्यम से किया है, उससे लोगों का विश्वास तेजस्वी यादव के प्रति बढ़ा है. यह राजनीतिक दल किसी दूसरी पार्टी द्वारा प्रायोजित तरीके से बिहार के चुनाव में आते हैं. चुनाव के बाद फिर कहीं नजर नहीं आती है."-एजाज अहमद,RJD के प्रवक्ता

'जैसे आए हैं वैसे ही चले जाएंगे' :जन सुराज, बसपा और एआइएमआइएम के यूपी चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करने पर बीजेपी का कहना है कि

"ये लोग जैसे आए हैं वैसे ही चले जाएंगे. राष्ट्रीय जनता दल वालों को जवाब देना होगा कि बिहार में जब बाढ़ आई हुई थी उनके युवराज दुबई में शेरो शायरी सुन रहे थे.जब जनता के दुख दर्द में शामिल होने की बात आती है तो यह लोग मौज मस्ती में लगे रहते हैं. इन राजनीतिक दलों को कोई नोटिस नहीं लेता है."-कुंतल कृष्ण, बीजेपी प्रवक्ता

सत्ताधारी और विपक्ष पर दबाव: वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडेय का कहना है कि 13 नवंबर को जो चार सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उसमें केवल प्रशांत किशोर की पार्टी ही चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है. राजद 3 सीटों पर और बीजेपी दो सीट पर चुनाव लड़ रही है. बाकी बचे दल 1- 2 पर चुनाव लड़ रही है. अरुण पांडेय का कहना है कि बिहार में जो राजनीतिक परिदृश्य है उसमें दो ही गठबंधनों के बीच मुख्य मुकाबला होता है सत्ता पक्ष और विपक्ष.

"उपचुनाव में विपक्ष के खाते में तीन सीट है और सत्ता पक्ष के पक्ष में एक सीट है. तो दबाव विपक्षी पार्टी के ऊपर ही है कि उनको तीन सीटों को बचाना है. प्रशांत किशोर की पार्टी के लिए यह पहला चुनाव है पिछले दो वर्षो से वह प्रयास कर रहे हैं. सामाजिक समीकरण को देखते हुए जिस तरीके से प्रशांत किशोर ने उम्मीदवार खड़े किए हैं लगता है कि इस बार जन सुराज अपना प्रभाव दिखाने को प्रयास करेगी."-अरुण पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

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