लातेहारः जिला के कई प्रखंडों में इन दिनों जंगली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है. हालांकि हाथियों का झुंड दिन के उजाले में तो गांव के निकट स्थित खेत खलिहान में आने से कतराते हैं. लेकिन हाथियों का लीडर इतना निडर है कि उसे किसी बात की कोई चिंता नहीं. दिन के उजालों में भी वह गांव के निकट स्थित खेतों में लगे फसलों को बर्बाद करने में भी पीछे नहीं हट रहा है. हेरहंज प्रखंड के हुम्बू गांव के आसपास जंगली हाथी अकेले ही दिन के उजाले में पिछले दो-तीन दिनों से आतंक मचाए हुए है.
दरअसल, हेरहंज प्रखंड के हुम्बू गांव के निकट स्थित जंगल में पिछले कई दिनों से हाथियों का झुंड जमा हुआ है. इस झुंड में लगभग 10 हाथियों की संख्या है. ये हाथी रात के अंधेरे में खेतों में जाकर फसलों को बर्बाद करते हैं. लेकिन इन हाथियों का लीडर इतना निडर हो गया है कि वह दिन के उजालों में भी गांव के निकट जाकर खेतों में लगे फसलों को निर्भीक होकर बर्बाद कर रहा है.
इसको लेकर ग्रामीण मोहम्मद अफसर ने बताया कि हाथियों के द्वारा पिछले दो वर्षों से उनके गांव में लगातार आतंक मचाया जा रहा है. इस बार तो एक जंगली हाथी इतना निडर हो गया है कि वह बिना डरे दिन के उजालों में भी आराम से खेतों में पहुंचकर धान और मक्के की फसल को नष्ट कर रहा है. ग्रामीणों के द्वारा जब उसे भगाने का प्रयास किया जाता है तो हाथी और आक्रामक हो रहा है. हालांकि विशेषज्ञों का भी कहना है कि जब हाथी झुंड में होते हैं तो अपेक्षाकृत कम खतरनाक होते हैं. लेकिन अकेला हाथी खुद को असुरक्षित महसूस कर ज्यादा आक्रामक हो जाता है.
वन विभाग के लिए बना सिर दर्द
जंगली हाथियों का आतंक अब वन विभाग के लिए भी सिर दर्द बन गया है. प्रतिदिन जंगली हाथियों का आतंक जारी है. जंगली हाथी के आने के बाद ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग के कर्मियों को सूचना दी जाती है तो वनकर्मी गांव में पहुंचकर हाथियों को भागने का प्रयास करते हैं. परंतु कुछ घंटे के बाद फिर हाथियों का आतंक जारी हो जाता है.