सोलन: शुक्रवार को एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोलन पहुंचे प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने IAS और IPS अफसरों को लेने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सीएम ने कहा "हमारा छोटा सा प्रदेश है यहां की जनसंख्या 70 लाख है. ऐसे में हिमाचल में 153 अधिकारी रखना सही नहीं है. वहीं, अभी फॉरेस्ट में लगे 115 IFS अधिकारियों का प्रदेश सरकार बोझ उठा रही है. हम चाहते हैं कि प्रशासनिक तौर पर ज्यादा हस्तक्षेप ना हो पहले भी समाज कानून के दायरे में रहता था. वर्तमान राज्य सरकार लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है, इसलिए सभी विभागों में सकारात्मक बदलाव के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. राज्य सरकार प्रशासनिक दखलअंदाजी को कम करके लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है."
इसके अलावा सीएम ने केंद्रीय बजट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट से हम चाहते हैं कि जो केंद्र सरकार की प्रायोजित योजनाएं होती हैं उसके लिए पूरा धन दिया जाए.
केंद्र की प्रायोजित योजनाओं के लिए अपना बजट लगाए केंद्र
सीएम ने कहा उदाहरण के तौर पर बद्दी से चंडीगढ़ की रेलवे लाइन है उसमें कॉस्ट ऑफ कंस्ट्रक्शन का यानी की रेलवे लाइन बिछाने का 50% खर्च हिमाचल सरकार देती है और उसमें लैंड जो एक्वायर करके देनी होती है वह भी हिमाचल प्रदेश सरकार दे रही है. इस तरह के प्रोजेक्ट के लिए रेलवे अपना पैसा लगाए. प्रदेश सरकार से जब बजट जाता है तो इससे असमानता आती है.
नहीं बना सका बड़ा एयरपोर्ट
सीएम सुक्खू ने कहा टूरिज्म स्टेट होने के बावजूद भी हिमाचल के पास आज तक कोई बड़ा एयरपोर्ट नहीं है. हमारा 52 हजार करोड़ का बजट कम है. ऐसे में केंद्र सरकार को हिमाचल में बड़ा एयरपोर्ट बनाने के लिए बजट का प्रावधान करना चाहिए.