चंडीगढ़ :लॉरेंस बिश्नोई...एक ऐसा नाम जिसे आज के वक्त में हर कोई जानता है. पहले एक वक्त था जब क्राइम की बात आती थी तो मुंबई के अंडरवर्ल्ड और दाऊद इब्राहिम का नाम लिया जाता था. लेकिन आज वक्त बदल चुका है. दाऊद इब्राहिम भारत से फरार होकर पाकिस्तान में छुपा है और अंडरवर्ल्ड के बदमाशों पर मुंबई पुलिस ने नकेल कस डाली है. लेकिन आज जो नाम क्राइम का नाम आते ही आए दिन सुर्खियों में छा जाता है, वो नाम है कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का.
कौन हैं लॉरेंस बिश्नोई ? :जानकारी के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 12 फरवरी 1993 में पंजाब के फाजिल्का में हुआ था. उसके पिता पुलिस में कॉन्स्टेबल थे. लॉरेंस के पिता चाहते थे कि वो आईएएस ऑफिसर बने लेकिन लॉरेंस के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. 12वीं की पढ़ाई के बाद लॉरेंस बिश्नोई चंडीगढ़ आ गया और उसने डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया. इसके बाद वो छात्र राजनीति में कूद पड़ा और फिर उसकी दोस्ती हुई गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से. लॉरेंस ने चुनाव भी लड़ा लेकिन उसे हार मिली. लेकिन इस हार को वो पचा नहीं सका और फिर उसने हार का बदला लेने के लिए रिवॉल्वर खरीद डाली. बहसबाजी के बाद हाथापाई हुई और फिर लॉरेंस ने फायरिंग की जिसके बाद क्राइम में उसकी एंट्री हुई और उसके खिलाफ जुर्म का पहला केस दर्ज किया गया. हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो चुनाव हारने के बाद हुई गैंगवार में उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या हो गई थी जिसके बाद उसने गोली चलाई.
काला जठेड़ी से दोस्ती :पुलिस रिकॉर्ड में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सतविंदर सिंह है. इसके बाद तो लॉरेंस क्राइम की दुनिया में शामिल हो गया और गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया से जुड़ गया. इसके बाद उसकी दोस्ती संपत नेहरा से हो गई. फिर लॉरेंस ने गोल्डी और संपत के साथ मिलकर हरियाणा के साथ पंजाब में क्राइम करना शुरू कर दिया. इसके बाद उसने हरियाणा के गैंगस्टर काला जठेड़ी से भी दोस्ती कर डाली. राजस्थान में आनंदपाल और बाद में उसकी शिष्या अनुराधा भी उससे जुड़ गए. इसके बाद शुरू हुआ शराब, ड्रग्स स्मगलिंग और फिरौती का खेल. उसने इस कदर अपराधों को अंजाम देना शुरू किया कि बिजनेसमैन लॉरेंस के नाम से कांपने लगे. हालांकि अपराधी ज्यादा दिन तक जेल से बाहर नहीं रह पाते और ऐसा ही कुछ हुआ लॉरेंस के साथ. साल 2014 में उसे राजस्थान से गिरफ्तार कर भरतपुर जेल भेज दिया गया. लेकिन जब उसे मोहाली ले जाया जा रहा था तो वो पुलिस को चकमा देकर हिरासत से नेपाल भाग गया. कई महीनों तक नेपाल में रहने के बाद साल 2016 में पुलिस ने फिर से उसे धर दबोचा. तभी से वो आज तक जेल में सलाखों के पीछे कैद है.
24 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज :लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ चल रहे केसों की बात करें तो उसके खिलाफ हत्या और फिरौती समेत 24 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं. लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ ईडी और एनआईए की जांच भी चल रही है. अब उसकी पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होती है. हालांकि जेल में बंद होने के बावजूद लॉरेंस बिश्नोई का गैंग बाहर पूरी तरह से एक्टिव मोड में है. लॉरेंस गैंग में पेशेवर निशानेबाज शामिल हैं जो हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल से काम करते हैं. एक अनुमान के मुताबिक कहा जाता है कि लॉरेंस की गैंग में 600 से ज्यादा शूटर्स हैं. कहा जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई सीधे ऑर्डर नहीं देता, बल्कि गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई के जरिए अपना मैसेज शूटर्स तक पहुंचाता है. लॉरेंस के बाद गैंग में उसका सबसे करीबी दोस्त गोल्डी बराड़ है.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या :लॉरेंस बिश्नोई के क्राइम फाइल की बात करें तो 29 मई 2022 को मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला पर गोली चलाने में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का नाम सामने आया था. लॉरेंस के दोस्त गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
सुखदेव गोगामेडी की हत्या :इसके बाद 5 दिसंबर 2023 को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव गोगामेड़ी के घर में ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी गई जिसका सीसीटीवी फुटेज देखकर पूरा देश दहल गया. इसके बाद लॉरेंस गैंग के रोहित गोदारा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी.