नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अकादमी सामूहिक दुर्घटना प्रबंधन (एमसीएम) ने एम्स दिल्ली के ट्रॉमा सेंटर में भारत में पहली बार आपातकालीन इकाइयों की तैयारी के लिए ट्रेनर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है. WHO एकेडमी ने आपातकालीन इकाइयों में काम करने वाले फ्रंटलाइन हेल्थकेयर स्टाफ जैसे डॉक्टर, नर्स, लॉजिस्टिक्स सपोर्ट, स्टाफ, प्रबंधन और तकनीशियनों के लिए सामूहिक दुर्घटना प्रबंधन कार्यक्रम विकसित किया है.
मास कैजुअल्टी जैसी स्थिति के दौरान उपयोगी होगा मास कैजुअल्टी कोर्स
एम्स के जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख प्रोफेसर कामरान फारूक के अनुसार WHO ने मास कैजुअल्टी केस का पेटेंट कराया है. यह पेटेंटेड मास कैजुअल्टी कोर्स है, जो मास कैजुअल्टी जैसी स्थिति के दौरान उपयोगी होगा. जिसमें अस्पताल को मास कैजुअल्टी को संभालना पड़ता है, ताकि अधिक से अधिक जिंदगियों को बचाए जा सके. इस टीम के पास सोमालिया, इराक आदि और कई अन्य देशों का अनुभव है.
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डॉक्टर कामरान ने कहा कि हमारा विजन है कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में प्रशिक्षित होने वाली फैकल्टी पूरे देश के अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में ट्रेनिंग देंगे. यह कोर्स पांच दिनों का होगा, जिसमें तीन दिन कोर्स के लिए और दो दिन प्रशिक्षण के लिए होंगे. इस ट्रेनिंग में एम्स के अन्य संकाय भी भाग ले रहे हैं. डॉ. हेराल्ड वीन, कोर्स लीड, मास कैजुअल्टी मैनेजमेंट कोर्स, डब्ल्यूएचओ ईएमआरओ ने कहा कि मास कैजुअल्टी के समय हर उस मरीज को उपचार देना संभव नहीं है, जिसकी जान जाने का खतरा है.