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सुशांत सिंह राजपूत के गांव में किसको बढ़त, रुपौली उपचुनाव में JDU-RJD या निर्दलीय कैंडिडेट के साथ मलडीहा के ग्रामीण? - RUPAULI BY ELECTION RESULT

Sushant Singh Rajput: आज पूर्णिया की रुपौली सीट पर उपचुनाव के नतीजे आ जाएंगे. इसी के साथ अगले डेढ़ साल के लिए इलाके के लोगों को नया विधायक मिल जाएगा. रुपौली विधानसभा क्षेत्र में ही दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक गांव मलडीहा आता है. आपको पता है यहां के ज्यादातर लोग सत्ताधारी जेडीयू और विपक्षी आरजेडी के बजाय एक निर्दलीय को जिताना चाहते हैं? पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

Sushant Singh Rajput
सुशांत सिंह राजपूत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 13, 2024, 11:18 AM IST

Updated : Jul 13, 2024, 12:39 PM IST

मलडीहा गांव के लोग (ETV Bharat)

पूर्णिया:बिहार के पूर्णिया जिले के मलडीहा का नाम राष्ट्रीय फलक पर तब पहली बार आया था, जब बच्चों के साथ करते हुए बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूतकी तस्वीर सामने आई थी. अब एक बार फिर रुपौली उपचुनाव के बहाने मलडीहा सुर्खियों में आ गया है. मलडीहा असल में सुशांत सिंह का पैतृक गांव है और यह रुपौली विधानसभा क्षेत्र में ही पड़ता है. इनका कहना है कि शंकर सिंह के अलावे कोई भी नेता दिवंगत अभिनेता को याद नहीं करता. इसलिए इस बार पूरा गांव निर्दलीय प्रत्याशी के साथ है.

शंकर सिंह के साथ सुशांत सिंह के गांव वाले:रुपौली विधानसभा उपचुनाव में मलडीहा की जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह को अपना समर्थन दिया है. उनका मानना है कि चुनाव में शंकर सिंह की जीत होगी, क्योंकि शंकर सिंह ही इस गांव और पूरे इलाके का विकास कर सकते हैं. इन लोगों का मानना है कि इस गांव की पहचान सुशांत सिंह राजपूत के कारण बनी है लेकिन किसी भी दल के नेता अभिनेता को याद नहीं करते और न ही गांव का विकास करना चाहते हैं. इसलिए इस बार हमलोग शंकर सिंह के साथ खड़े हैं.

क्या बोले मलडीहा के लोग?: इस चुनाव में मलडीहा गांव के लोग निर्दलीय कैंडिडेट शंकर सिंह के साथ है. अगर वह जीतेंगे तो क्षेत्र का विकास होगा और गरीबों के लिए काम करेंगे. इसके साथ ही पूर्णिया शहर में सुशांत सिंह राजपूत की प्रतिमा स्थापित कराएंगे. वहीं, एक अन्य ग्रामीण उनकी बातों पर हामी भरते हुए कहते हैं,'हां निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह ही अबकी बार जीतेंगे. मलडीहा में सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर भवन बनेगा. उनके नाम पर जो चौक है, उसे भी सजाया जाएगा.'

'सुशांत के कारण मलहीडा की पहचान':मलडीहा गांव के ग्रामीण कहते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत की वजह से पूर्णिया की पहचान बनी है. ऐसे में हमलोग जरूर चाहेंगे कि शंकर सिंह रुपौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनें, क्योंकि वह सुशांत सिंह के नाम पर इलाके में विकास का काम करेंगे.

"जहां तक सुशांत सिंह राजपूत को भूलने का सवाल है तो मलडीहा गांव के लोग भी मानते हैं कि कोई नेता उनको याद नहीं करते हैं लेकिन शंकर सिंह लगातार उनको याद करते हैं. ग्रामीण कहते हैं कि हमलोग तो कभी भी सुशांत को नहीं भूल पाएंगे, क्योंकि उनके नाम पर न केवल पूर्णिया, बल्कि मलडीहा की भी पहचान बढ़ी है."- स्थानीय ग्रामीण, मलडीहा गांव

क्या चाहते हैं मलडीहा के ग्रामीण?: सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर पूरे पूर्णिया का विकास होना चाहिए. उनका कहना है कि सुशांत सिंह के नाम पर मलडीहा गांव में सामुदायिक भवन बनाया जाए और उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाए. एक अन्य ग्रामीण का कहना है कि शंकर सिंह को मलडीहा गांव का एकतरफा समर्थन मिला है. उनके जीतने के बाद इस इलाके का तो विकास होगा ही सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर योजनाएं चलाई जाएगी.

सुशांत पर क्या बोले शंकर सिंह?:वहीं, शंकर सिंह ने कहा कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो सुशांत सिंह राजपूत के गांव पर विशेष ध्यान रहेगा. उन्होंने कहा, 'वह सभी जाति के लोगों के चहेते थे. बिहार के लोगों के लिए गर्व की बात है कि हमारे यहां से फिल्मी दुनिया के बड़े अभिनेता थे. वह अच्छे इंसान भी थे. जीतने के बाद सुशांत के गांव में उनकी प्रतिमा जरूर लगाएंगे.'

कब मलडीहा गांव आए थे सुशांत?:दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत 11 मई 2019 को मलडीहा गांव आए थे. करीब 17 साल बाद वह अपने पिता कृष्ण कुमार सिंह, चचेरे भाई और छातापुर से बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू और भाभी नूतन सिंह के साथ अपने पैतृक गांव आए थे. खेत-खलिहान और बगीचे हर जगह वह घूमने गए, लोगों ने भी उनका दिल खोलकर स्वागत किया. अपने गांव में सुशांत ने कृष्ण भगवान के मंदिर में पूजा की और उसके बाद वरुणेश्वर स्थान पर जाकर पूरे परिवार के साथ पूजा-अर्चना की. उस दौरान उन्होंने बच्चों के साथ भी खूब मस्ती की थी.

रुपौली में त्रिकोणीय लड़ाई:बीमा भारती के पाला बदलने और विधायकी से इस्तीफे के कारण रुपौली में उपचुनाव हुआ है. 2000 से लगातार (2005 को छोड़कर) विधायक रहने वालीं बीमा भारती इस बार आरजेडी के सिंबल पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि जेडीयू ने कलाधर मंडल को टिकट दिया है. वहीं, अंतिम समय में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर छोड़कर शंकर सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं. अभी तक रुझानों से लग रहा है कि मुकाबला कलाधर मंडल और शंकर सिंह के बीच ही है. बीमा भारती तीसरे स्थान पर खिसकती दिख रही हैं.

शंकर सिंह, बीमा भारती और कलाधर मंडल (ETV Bharat)

2020 में किस प्रत्याशी को कितने वोट?:2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीमा भारती ने जेडीयू उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. उन्होंने चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (तब एलजेपी में टूट नहीं हुई थी) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले शंकर सिंह को हराया था. बीमा भारती को 64324 वोट मिले थे, जबकि शंकर सिंह को 44994 मत आए थे. वहीं, महागठबंधन से सीपीआई कैंडिडेट विकास चंद्र मंडल को मात्र 14961 वोट मिले थे.

2015 में भी बीमा भारती जीतीं:वहीं, 2015 के चुनाव में भी जेडीयू उम्मीदवार बीमा भारती जीतीं थीं. उनको 50,945 वोट मिले थे, जबकि 41,273 मतों के साथ बीजेपी के प्रेम प्रकाश मंडल दूसरे स्थान पर रहे. उस चुनाव में जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन था.

2010 चुनाव में बीमा भारती की बड़ी जीत: उससे पहले 2010 में भी बीमा भारती की जीत हुई थी. उनको 64,887 मत प्राप्त हुए थे. वहीं, एलजेपी कैंडिडेट शंकर सिंह को मात्र 27,171 वोट मिले थे. उस चुनाव में एलजेपी और आरजेडी के बीच गठबंधन था. हालांकि उस चुनाव में आरजेडी गठबंधन का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था.

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Last Updated : Jul 13, 2024, 12:39 PM IST

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