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कम ठंड की वजह से बढ़ी किसानों की चिंता, धान कटाई के बाद खेत गेहूं की बुआई के लिए नहीं हुए तैयार - WHEAT SOWING IN HARYANA

हरियाणा में गेहूं की बुआई चल रही है और इसके लिए सर्दियों का मौसम सबसे उचित माना जाता है.

Wheat sowing in Haryana
Wheat sowing in Haryana (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 14, 2024, 7:45 PM IST

Updated : Nov 14, 2024, 8:40 PM IST

करनाल:नवंबर का महीना करीब आधा आने वाला है. लेकिन अन्य सालों की अपेक्षा इस बार ठंड कम है. जो किसानों के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है. क्योंकि हरियाणा में गेहूं की बुआई चल रही है और गेहूं की बुआई के लिए सर्दियों का मौसम सबसे उचित माना जाता है. जितनी ज्यादा सर्दियां होती हैं, उतनी ही गेहूं की ज्यादा पैदावार होती है. जिस समय गेहूं की बुआई किसान करते हैं. उस समय से सर्दियां शुरू हो जाती है. लेकिन इस बार अन्य वर्षो की अपेक्षा कम ठंड है. जिसके चलते किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं.

वहीं, जिस किसान भाई ने अपने खेत में धान की कटाई के बाद खेत की बुआई करने के बाद पानी लगाया था. उनके खेत तो अभी तक गेहूं की बुआई के योग्य नहीं हुई है. क्योंकि इस बार हवा भी नहीं चल रही. जिसे किसानों की गेहूं में देरी हो रही है. तो इन्हीं सभी मुद्दों पर हमने भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक से बातचीत की और जाना की मौजूदा समय में जो मौसम बना हुआ है. उसका गेहूं की बुआई पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

Wheat sowing in Haryana (Etv Bharat)

'गेहूं की बुआई पर नहीं पड़ेगा असर': डॉ. रतन तिवारी निदेशक भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल ने बताया कि इस बार मौसम में इतनी ठंड नहीं हुई है. अभी एक दिन से ही मौसम में थोड़ी ठंडक हुई है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में तापमान ज्यादा नीचे नहीं गया. जिसके चलते कुछ किसानों को ऐसा लग रहा है कि गेहूं की बुआई में उससे कोई प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अभी तक गेहूं की बिजाई पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ने वाला है और जैसे ही आज से मौसम में एकदम से परिवर्तन हुआ है. काफी अच्छा है. लेकिन जिस किसान भाई ने गेहूं की बिजाई नहीं की है उनके लिए यह थोड़ी समस्या भी खड़ी कर सकता है.

25 नवंबर के बाद पछेतीबुआई: संस्थान के निदेशक ने बताया कि 15 नवंबर तक गेहूं की बुआई का सबसे उचित समय माना जाता है. लेकिन कुछ किसान भाइयों के खेत बिजाई के योग्य नहीं हुए हैं और अगर उनको किसी वजह से देरी हो रही है. तो वह भूल कर भी 25 नवंबर के बाद आगे की किस्म की बुआई ना करें. 25 नवंबर के बाद केवल पछेती किस्म की ही बुआई करें. संस्थान द्वारा ऐसी कई वैरायटी निकली हुई है, जो 25 नवंबर के बाद बिजी जा सकती है. उनका ही प्रयोग करें.

'पानी से पहले खेत में डालें खाद':उन्होंने बताया कि किसान परंपरागत तरीके से अपने खेत में खाद डालते आ रहे हैं. एक बार बुआई होने के बाद किसान अपने खेत में यूरिया खाद का प्रयोग करते हैं. ताकि उनकी पैदावार अच्छी हो. लेकिन कृषि विशेषज्ञ ने अपनी शोध में यह पता किया है कि अगर किसान भाई पानी देने के बाद खाद डालने की बजाय पानी देने से एक दिन पहले यूरिया खाद डालते हैं तो उसमें फसल की पैदावार काफी अच्छी होती है.

गेहूं की बेस्ट वेराइटी:उन्होंने बताया कि इस बार ज्यादातर किसान डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 303 , डीबीडब्ल्यू 327 , डीबीडब्ल्यू 222 की ज्यादा बुआई की गई है और यह काफी अच्छे बीज हैं. इस बार ज्यादा किसानों की रुचि इसमें बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वैसे तो संस्थान के द्वारा कहीं वैरायटी के बीज यहां पर दिए जाते हैं. लेकिन किसान ज्यादातर इन वैरायटी को ही पसंद कर रहे हैं.

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Last Updated : Nov 14, 2024, 8:40 PM IST

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