बिहार

bihar

ETV Bharat / state

RJD के तीन बागी विधायकों के साथ क्या होगा, सदस्यता जाएगी या रहेगी? - RJD Bagi Vidhayak

RJD Bagi Vidhayak: उठा पटक के बाद बिहार विधानसभा फ्लोर टेस्ट में एनडीए ने बहुमत साबित किया. राजद के तीन विधायकों ने एनडीए के पक्ष में वोट किए. तब से ये विपक्ष तीनों विधायकों को बागी कहने लगे हैं. अब सवाल उठता है कि इन तीनों विधायकों के साथ क्या होगा. सदस्यता जाने की नौबत आ गई है. देखें रिपोर्ट.

RJD के तीन बागी विधायकों के साथ क्या होगा
RJD के तीन बागी विधायकों के साथ क्या होगा

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 13, 2024, 5:06 PM IST

Updated : Feb 13, 2024, 5:54 PM IST

RJD के तीन बागी विधायकों के साथ क्या होगा

पटनाःबिहार में विधायकों के दल बदल के बाद एनडीए सरकार ने सदन में बहुमत साबित कर दिया, लेकिन राजद के तीन विधायक बागी हो गए. उन्होंने अंतिम मौके पर सत्ता पक्ष में शामिल होकर विश्वास मत के पक्ष में वोटिंग की. इससे राजद के नेताओं में काफी आक्रोश है. सदन में भी तेजस्वी यादव ने तीनों विधायकों के खिलाफ आवाज उठाई. विधायक चेतन आनंद के बारे में तो बहुत कुछ बोले.

तीनों विधायक बागी करारः राजद नेताओं ने तीन विधायकों को बागी करार दिया, जिसमें चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी हैं. सदन में तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने हमारे तीनों विधायक को तोड़ लिया. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी राजद पर 5 विधायकों को अंदरग्राउंड करने का आरोप लगाया. ऐसे में पक्ष-विपक्ष एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगा रहे हैं.

तीनों विधायकों की जाएगी सदस्यता?सवाल उठता है कि राजद के ये तीनों विधायकों के साथ क्या होगा जो अपनी पार्टी का दामन छोड़कर सत्ता पक्ष के साथ मिल गए. विधानसभा के गलियारे में यह चर्चा हो रही है कि तीनों विधायकों को अपनी सदस्यता गंवानी पड़ेगी. यह भी चर्चा है कि विधानसभा अध्यक्ष हस्तक्षेप करेंगे और कुछ नया कारनामा करके उनकी सदस्यता को बहाल रखेंगे. हालांकि मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा है तो ऐसे अपना दल छोड़ने वाले विधायक भी निश्चिंत हैं.

तेजस्वी यादव करेंगे फैसलाः राजद नेताओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है. राजद विधायक भाई बिरेंद्र ने बताया कि उन्हें (विधायकों को) इस तरह काम नहीं करना चाहिए था. खरीद फरोख्त के सवाल पर कहा कि एनडीए ने इस पूरे एपिसोड में हॉर्स ट्रेडिंग किया है. बीजेपी के नेताओं ने आरजेड़ी नेताओं को प्रलोभन देकर उनको अपने पक्ष में किया है.

"ये सोची समझी राजनीति है. नीतीश कुमार अपने आप में नहीं है. उनको जो कहा जा रहा है, वे कर रहे हैं. भाजपा और जदयू ने हमारे विधायक को खरीदने का काम किया. तीनों विधायकों के साथ क्या होगा इसके बारे में हमारे नेता तेजस्वी यादव तय करेंगे."-भाई बिरेंद्र, राजद विधायक

राजद से खफा हैं चेतन आनंदः इस पूरे मामले पर विधायक चेतन आनंद पूरी तरह से निश्चिंत दिख रहे हैं. मंगलवार को भी राजद के ऊपर अपनी भड़ास निकाली. कहा कि अपनी बात रखने के लिए कोई फोरम नहीं है. पार्टी कमजोर हो रही थी इस बात की जानकारी लगातार हम दे रहे थे लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. उन्होंने अपने परिवार का भी अपमानित करने का आरोप लगाया. सदस्यता जाने पर कहा कि 'एक दो दिन में तय हो जाएगा कि क्या होगा'

"मेरे परिवार को लगातार अपमानित किया जा रहा था. मेरी मां लवली आनंद सीनियर लीडर थी फिर भी उन्हें कोई पोस्ट नहीं दिया जा रहा था. हम अपमान की घूंट पीकर वहां नहीं रह सकते हैं. वहां अपनी बात रखने के लिए कोई फोरम नहीं है."-चेतन आनंद, राजद विधायक

जदयू के विधायकों को खरीदने का आरोपः भाजपा विधायक ने भी जदय विधायक को खरीदने का आरोप लगाया है. राणा रंधीर ने सुधांशु शेखर के FIR का हवाला देते हुए कहा कि राजद का जो चरित्र है. वह कल दिखाई दिया. हमेशा घोटाल करने के फेर में रहते हैं. सुधांशु शेखर ने जो केस दर्ज कराया है. उसमें बताया गया है कि "जदयू के विधायकों को 10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया. 5 करोड़ पहले और 5 करोड़ काम होने के बाद दिया जाएगा. इसकी जांच होगी कि किसने ऑफर दिया और रुपए कहां से आए. कहां घोटाला किया गया है."

सदस्यता होगी रद्दः कांग्रेस विधायक ने बागी विधायकों को लेकर कहा कि उनकी सदस्यता जानी चाहिए. इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया. कांग्रेस विधायक आनंद शंकर ने कहा कि भाजपा इसमें सबसे आगे है. जिस तरह से विधायकों को डरा धमका कर लाया गया. विधायक डॉ. संजीव कुमार को नवादा में गिरफ्तार करवाया गया. इस दौरान उन्होंने कहा कि "इन तीन विधायक पार्टी के नियम के खिलाफ गए होंगे तो इनकी सदस्यता रद्द होगी."

'विस अध्यक्ष करेंगे फैसला':इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक मिश्रा का मानना है कि जिस तरह से तीनों विधायक आरजेडी को छोड़कर एनडीए के पक्ष में गए हैं. नियम के मुताबिक उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस पूरे हाउस का कस्टोडियन विधानसभा अध्यक्ष होते हैं. उन पर निर्भर करता है कि इन तीनों विधायकों के साथ क्या करना है.

"मामला सत्ता पक्ष से जुड़ा हुआ है. ऐसे में एक अलग गुट की मान्यता देकर सदस्यता को बरकरार रखा जा सकता है. लेकिन इस मामले विपक्षी दल राजद कोर्ट का शरण ले सकता है. इसके बाद यह मामला कोर्ट में चला जाएगा."-अशोक मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार

यह भी पढ़ेंः

Last Updated : Feb 13, 2024, 5:54 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details