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यदि अचानक आता है हार्ट अटैक तो ऐसे करें इलाज, आईएमए दे रहा ट्रेनिंग - heart attack treatment

मेरठ में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा अलग अलग खास प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस अनोखी मुहिम में कार्डियो अटैक की घटनाओं से जान बचाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. देखिए यह खास खबर

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 8, 2024, 10:22 AM IST

मेरठ: बीते कुछ समय में देखने को मिला है, कि कहीं भी राह चलते कई बार कई लोगों की जान चली जाती है. कोई डांस फ्लोर पर डांस करते हुए भगवान को प्यारा हो जाता है. मेरठ में हार्ट अटैक की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के द्वारा जिम ट्रेनर समेत समाज के अलग अलग अंगों से संबंधित लोगों को विशेष तौर पर ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें, बताया जा रहा है, कि अगर उनके सामने कोई व्यक्ति इस तरह से समस्या से ग्रसित हो, तो क्या करें. युवाओं को विशेष रूप से यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

यदि अचानक आता है हार्ट अटैक तो ऐसे करें इलाज


ज्यादा एक्सरसाइज जोखिम में डाल सकती है जान:ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आईएमए मेरठ शाखा के अध्यक्ष डॉक्टर संदीप जैन ने बताया, कि वर्तमान समय में अचानक ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं. जब लोग थोड़ी देर पहले बिल्कुल स्वस्थ दिख रहे होते हैं. फिर कुछ ही देर में अचानक उनकी तबियत खराब हो जाती है. इससे पहले की कोई कुछ समझ पाए, तब तक उनकी जान चली जाती है. लोग जिम में ट्रेडमिल पर तेजी से दौड़ते हैं. क्योंकि वह जल्द स्वस्थ होना चाहते है. अधिक फिट दिखने के चक्कर में वह यह भूल जाते हैं, कि हर किसी की अपनी क्षमता होती है. जरुरत से ज्यादा एक्सरसाइज भी जान को जोखिम में डाल सकती है.

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जिम ट्रेनर को बताए अपनी हार्टबीट की गति: डॉक्टर संदीप जैन ने बताया, कि इससे उनके दिल पर काफी गंभीर असर पड़ता है. कई बार हार्टबीट की गति क्या है? उसके हिसाब से आप अपने जिम ट्रेनर को बताएंगे. तो जो हार्टअटैक की घटनाएं बढ़ रही है. उसमें कहीं ना कहीं अंकुश लग सकेगा. उन्होंने बताया कि इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सीपीआर की ट्रेनिंग IMA के नेतृत्व में कुशल डॉक्टरों की देखरेख में दी जा रही है. उन्होंने बताया कि खासकर जिम ट्रेनर को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

आईएमए प्रशिक्षण से मिलेगी मदद:समाज के ऐसे अलग अलग महत्वपूर्ण अंगों से जुड़े लोगों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो समाज में अहम भूमिका निभाते हैं, ताकि अगर कहीं किसी के साथ अचानक कार्रडियो अटैक जैसी संभावना बने, तो ऐसे लोगों को त्वरित राहत मिल सके. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले चीफ ट्रैफिक इंस्ट्रक्टर सुनील बताते हैं, कि अब वह प्रशिक्षण लेने के बाद यह जान गये हैं, कि आवश्यकता पड़ने पर किस तरह से किसी की मदद की जा सकती है. कई जिम में प्रशिक्षण देने वाले लोगों से भी बात हुई, कि पहले उन्हें इसको लेकर कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन, अब उन्हें इतना पता है, कि अगर किसी के सामने कोई समस्या आती है, तो उन्हें क्या करना है. क्योंकि वह प्रशिक्षण ले चुके हैं. फिलहाल, मंशा एक ही है, कि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके जो कि जानलेवा साबित हो रही हैं. जिससे कि कार्डियो अटेक की घटनाओं पर अंकुश लग सके.


अटैक आने पर तीन मिनट बेहद महत्वपूर्ण:मेरठ कॉलेज के फिजिकल एजुकेशन के प्रोफेसर डॉक्टर योगेश चौधरी कहते हैं, कि कार्डियो अटैक आए, तो तुरंत उसको फर्स्ट ट्रीटमेंट देते हुए उसकी जान बचाई जा सकती है. ऐसे में यह खास प्रशिक्षण बेहद उपयोगी है. क्योंकि शुरुआत के तीन मिनट काफी महत्वपूर्ण होते है. ह्रदय संबंधी समस्या जैसे ही लगे, उस दौरान कोई भी व्यक्ति जो सीपीआर की अच्छे से जानकारी रखता हो, तो वह उसे तुरंत तीन मिनट के अंदर ही यह सुविधा उपलब्ध करा दे. इससे मरीज की निश्चित ही जान बचाई जा सकती है.

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