चंडीगढ़ :किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने आज दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय जाकर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में बीजेपी जॉइन कर लिया है. लेकिन किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ने का ये कदम क्यों उठाया, ये सवाल सबके मन में है. क्या किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को धोखा दिया, जैसा कि इस वक्त कांग्रेस पार्टी के नेता उन पर आरोप लगा रहै है, या फिर उनको पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया गया. आइए जानते हैं.
हरियाणा की सियासत में मंगलवार को उस समय सियासत में हलचल मच गई जब कांग्रेस नेता किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया और ईटीवी भारत की ख़बर पर मुहर लगाते हुए दोनों ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. "हाथ" को छोड़ किरण ने "कमल" का साथ देने का फैसला क्यों किया, इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही है.
1) श्रुति चौधरी को लोकसभा का टिकट ना देने से नाराज़गी :किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट ना देने को बताई जा रही है.
2) हुड्डा के चहेते राव दान सिंह को टिकट :हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाज़ी जगजाहिर है. हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कैंप बनाम एसआरके (SRK) गुट यानि कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी की लड़ाई के बारे में सब जानते हैं. दोनों गुट एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाज़ी करते रहे हैं. ऐसे में टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चलने और उनकी बेटी का टिकट काटकर हुड्डा के चहेते राव दान सिंह को टिकट देने से वे काफी ज्यादा गुस्से में थी. यहां तक कि हरियाणा में रैली करने आए राहुल गांधी के सामने भी राव दान सिंह और किरण चौधरी के बीच तू-तू...मैं-मैं वाली तस्वीरें सबने देखी.
3) कांग्रेस में भविष्य ना देखना :हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को हावी होते देख और पार्टी आलाकमान को कई शिकायतें करने के बावजूद कांग्रेस में लगातार उनकी अनदेखी की जा रही थी, ऐसे में उन्हें लगा कि कांग्रेस में उनका राजनीतिक कैरियर चौपट होने वाला है. ऐसे में कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में जाना उन्होंने बेहतर समझा.
4) विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने की आशंका : सूत्रों के मुताबिक कहा तो ये भी जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को हावी होते देख उन्हें ये लग रहा था कि आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी उन्हें गच्चा दे सकती है और विधानसभा का टिकट भी काट सकती है, ऐसे में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का मन बना लिया.