ETV Bharat / state

नूंह के जैवत गांव को मिली जलजमाव से मुक्ति, गांव वालों ने जताया प्रशासन का आभार - NUH JAIVAT WATERLOGGING RELIEF

नूंह के जैवत गांव को जल्द ही जलजमाव से मुक्ति मिल जाएगी. प्रशासन की ओर से जल निकासी का काम जारी है.

Nuh Jaivat village got relief from waterlogging
जैवत गांव को जलजमाव से मुक्ति (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 10, 2025, 8:22 AM IST

नूंह: बरसात का पानी जमने से हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर बसा नूंह जिला का जैवंत गांव टापू में तब्दील हो चुका है. यह गांव कई दिनों तक जलजमाव को लेकर सुर्खियों में बना रहा. शासन-प्रशासन ने इस गांव से पानी निकालने का काम फिलहाल शुरू कर दिया है. गांव में चार पंपसेट लगाए गए हैं, जो पिछले कई दिनों से पानी निकालने में लगे हुए हैं. कई फुट पानी नीचे जा चुका है.

गांव से हो रही जल निकासी: इस बीच ग्रामीणों की मांग है कि अगर इसी रफ्तार से पानी निकलता रहा तो तकरीबन 2 महीने का समय लग सकता है. लिहाजा पंपसेट की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ 24 घंटे बिजली आपूर्ति जैवंत गांव को दी जाए, ताकि जल्द से जल्द खेतों से पानी निकासी हो सके.

नूंह के जैवत गांव को मिली जलजमाव से मुक्ति (ETV Bharat)

पानी के बीच रहने को मजबूर ग्रामीण: दरअसल, हरियाणा के जैवंत और राजस्थान के घूसिंगाका गांव के तकरीबन 300-400 एकड़ जमीन में बरसात का पानी जमा रहता है. प्राकृतिक झीलों की तरह यह पूरा गांव पानी से लबालब भर जाता है. गांव के लोग पानी के बीच रहने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में लोगों का जीवन नारकीय जैसा बना रहता है.लोगों को अपने घरों तक जाने के लिए ट्यूब में हवा भरकर इसका सहारा लेना पड़ रहा है. कुछ लोग तो अपने रिश्तेदारों के घर पानी से बचने के लिए पलायन कर जाते हैं. कई लोगों का मकान और पानी के टैंक इत्यादि को भी इससे नुकसान होता रहता है.

डीसी एसपी कर सकते हैं रात्रि ठहराव कार्यक्रम: जैवंत गांव में जलभराव की समस्या जब सुर्खियों में आई तो प्रशासन की ओर से जल को कम करने पर काम किया गया. ऐसे में जल्द ही इस गांव में डीसी-एसपी रात्रि ठहराव कार्यक्रम भी रख सकते हैं. मीडिया के सहयोग के साथ-साथ शासन-प्रशासन के सहयोग का ग्रामीणों ने आभार जताया है.

जानिए क्या कहते हैं ग्रामीण: इस बारे में गांव के ही जाहुल ने कहा, " अब हमें तसल्ली है कि जल्द ही हमारे गांव के सैंकड़ों एकड़ जमीन में जमा पानी निकाल दिया जाएगा. इसके लिए बिजली विभाग, सिंचाई विभाग के अलावा कई अन्य विभाग भी मदद कर रहे हैं." वहीं, ग्रामीण बलवंत का कहना है कि, "जल निकासी के काम में और तेजी लाने की आवश्यकता है. ताकि जल्दी ही उनकी जमीन कृषि योग्य हो सके. बरसात अधिक होने से न केवल ज्वार-बाजरे की फसल खराब हो गई थी, बल्कि पानी भरने की वजह से गेहूं और सरसों इत्यादि की फसल भी किसान बिजाई नहीं कर पाए थे."

"गांव में जमा पानी निकाला जा रहा है. हालांकि जल्दी-जल्दी ये काम होता तो राहत मिलती. अगर अब भी मार्च महीने तक पानी नहीं निकला तो आगे की फसल भी प्रभावित हो सकती है."-कपूर, बुजुर्ग ग्रामीण

जैवंत गांव के लोगों ने ली राहत की सांस: कुल मिलाकर ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन का आभार जताया है. अब ग्रामीणो को यकीन है कि उनके गांव में जलजमाव की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने तकरीबन 3 करोड़ से अधिक रुपए का एस्टीमेट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दिया है, जिससे जैवंत गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है.

ये भी पढ़ें:चरखी दादरी की कई कॉलोनियां बनी "नर्क", पलायन को मजबूर हो रहे लोग, जानिए क्या है वजह ?

नूंह: बरसात का पानी जमने से हरियाणा-राजस्थान की सीमा पर बसा नूंह जिला का जैवंत गांव टापू में तब्दील हो चुका है. यह गांव कई दिनों तक जलजमाव को लेकर सुर्खियों में बना रहा. शासन-प्रशासन ने इस गांव से पानी निकालने का काम फिलहाल शुरू कर दिया है. गांव में चार पंपसेट लगाए गए हैं, जो पिछले कई दिनों से पानी निकालने में लगे हुए हैं. कई फुट पानी नीचे जा चुका है.

गांव से हो रही जल निकासी: इस बीच ग्रामीणों की मांग है कि अगर इसी रफ्तार से पानी निकलता रहा तो तकरीबन 2 महीने का समय लग सकता है. लिहाजा पंपसेट की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ 24 घंटे बिजली आपूर्ति जैवंत गांव को दी जाए, ताकि जल्द से जल्द खेतों से पानी निकासी हो सके.

नूंह के जैवत गांव को मिली जलजमाव से मुक्ति (ETV Bharat)

पानी के बीच रहने को मजबूर ग्रामीण: दरअसल, हरियाणा के जैवंत और राजस्थान के घूसिंगाका गांव के तकरीबन 300-400 एकड़ जमीन में बरसात का पानी जमा रहता है. प्राकृतिक झीलों की तरह यह पूरा गांव पानी से लबालब भर जाता है. गांव के लोग पानी के बीच रहने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में लोगों का जीवन नारकीय जैसा बना रहता है.लोगों को अपने घरों तक जाने के लिए ट्यूब में हवा भरकर इसका सहारा लेना पड़ रहा है. कुछ लोग तो अपने रिश्तेदारों के घर पानी से बचने के लिए पलायन कर जाते हैं. कई लोगों का मकान और पानी के टैंक इत्यादि को भी इससे नुकसान होता रहता है.

डीसी एसपी कर सकते हैं रात्रि ठहराव कार्यक्रम: जैवंत गांव में जलभराव की समस्या जब सुर्खियों में आई तो प्रशासन की ओर से जल को कम करने पर काम किया गया. ऐसे में जल्द ही इस गांव में डीसी-एसपी रात्रि ठहराव कार्यक्रम भी रख सकते हैं. मीडिया के सहयोग के साथ-साथ शासन-प्रशासन के सहयोग का ग्रामीणों ने आभार जताया है.

जानिए क्या कहते हैं ग्रामीण: इस बारे में गांव के ही जाहुल ने कहा, " अब हमें तसल्ली है कि जल्द ही हमारे गांव के सैंकड़ों एकड़ जमीन में जमा पानी निकाल दिया जाएगा. इसके लिए बिजली विभाग, सिंचाई विभाग के अलावा कई अन्य विभाग भी मदद कर रहे हैं." वहीं, ग्रामीण बलवंत का कहना है कि, "जल निकासी के काम में और तेजी लाने की आवश्यकता है. ताकि जल्दी ही उनकी जमीन कृषि योग्य हो सके. बरसात अधिक होने से न केवल ज्वार-बाजरे की फसल खराब हो गई थी, बल्कि पानी भरने की वजह से गेहूं और सरसों इत्यादि की फसल भी किसान बिजाई नहीं कर पाए थे."

"गांव में जमा पानी निकाला जा रहा है. हालांकि जल्दी-जल्दी ये काम होता तो राहत मिलती. अगर अब भी मार्च महीने तक पानी नहीं निकला तो आगे की फसल भी प्रभावित हो सकती है."-कपूर, बुजुर्ग ग्रामीण

जैवंत गांव के लोगों ने ली राहत की सांस: कुल मिलाकर ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन का आभार जताया है. अब ग्रामीणो को यकीन है कि उनके गांव में जलजमाव की समस्या का स्थाई समाधान हो जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने तकरीबन 3 करोड़ से अधिक रुपए का एस्टीमेट बनाकर उच्च अधिकारियों को भेज दिया है, जिससे जैवंत गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है.

ये भी पढ़ें:चरखी दादरी की कई कॉलोनियां बनी "नर्क", पलायन को मजबूर हो रहे लोग, जानिए क्या है वजह ?

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.