रायपुर:पंचक की शुरुआत 25 जून मंगलवार से होने जा रही है. 5 दिनों तक पंचक रहेगा. माना जाता है कि पंचक एक ऐसा समय होता है, जिसमें यदि कोई काम किया जाता है तो उस काम को पांच बार करना पड़ता है. इसके चलते पंचक काल में शुभ काम को वर्जित भी माना गया है. लेकिन कोई शुभ काम है तो उसे पंचक काल में अवश्य किया जाना चाहिए. शुभ काम जैसे सुविधा भोगी चीजों का प्राप्त होना, वाहन खरीदना, स्कूटर लेना, मकान लेना, प्लाट लेना, वृक्षारोपण करना. ऐसे काम जो एक बार किए जाते हैं, उसे पांच बार करना पड़ता है. स्वर्ण आभूषण की खरीदी है. ऐसे बहुत सारे कार्य हैं, जिसको करने से या जिसको बार-बार करने की इच्छा है, उसे पंचक काल में किया जाना चाहिए ऐसी मान्यता है.
पंचक काल में क्या करें और क्या नहीं करें: ज्योतिष एवम वास्तुविद् डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर का मानना है कि "पंचक काल में अशुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. जैसे की किसी की अगर मृत्यु हो जाती है तो उसका दाह संस्कार पंचक काल में करना वर्जित है. मान्यता है कि पंचक में अगर किसी एक की मृत्यु हुई है तो बहुत जल्दी साल सवा साल के अंदर उसी घर में पांच लोगों की मृत्यु होती है. ऐसे में दोष से बचने के लिए एक खास पूजा पंडित जी से कराई जाती है. उसके बाद मृत शरीर का दाह संस्कार किया जाता है.''
पंचक में धार्मिक मान्यताएं: ज्योतिष एवम वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर का मानना है कि "नौकरी में ज्वाइनिंग पंचक काल में नहीं किया जाता. अन्यथा जातक को कार्यकाल में बहुत सी कठिनाइयां फेस करनी पड़ती है, जैसे विभागीय जांच, सस्पेंड होना, तत्काल ट्रांसफर होना. यह सारी चीज पंचक काल में ज्वाइन करने के फल स्वरुप होती है. कुल मिलाकर पंचक में शुभ काम किया जाना चाहिए. ऐसा काम किया जाना चाहिए जिसे बार-बार करने में सुख मिलता है. आनंद मिलता है, खुशी होती है. ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए जो कोई भी बार-बार नहीं करना चाहता है, जैसे दाह संस्कार, बीमारी में ऑपरेशन, कष्टप्रद यात्राएंं. कहा जाता है कि पंचक काल में कोई अशुभ कार्य शांति कराने के पश्चात ही करें और शुभ काम पूरी तत्परता से प्रसन्नता से करें."