राजनांदगांव में लगा नेशनल लोक अदालत, जानिए इनके फैसलों को क्यों नहीं दी जा सकती चुनौती - राजनांदगांव में नेशनल लोक अदालत
National Lok Adalat राजनांदगांव जिला कोर्ट में लगा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में सालों से चले आ रहे मामलों को आपसी राजीनामे से सुलझाया गया. लोक अदालत में हुए फैसलों को कहीं भी चुनौती नहीं दी जा सकती है. Rajnandgaon District Court
राजनांदगांव:राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सभी अदालतों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन 9 मार्च को किया गया. शनिवार को लगी लोक अदालत के बाद 11 मई, 14 सितंबर और 14 दिसंबर को भी नेशनल लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा. 9 मार्च को होने वाले नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय राजनांदगांव, व्यवहार न्यायालय खैरागढ़, ड़ोंगरगढ़, अंबागढ़ चौकी, छुईखदान सहित राजस्व न्यायालय के कई मामलों को निपटाया गया.
लोक अदालतों में निपटाए गए मामले:राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देश पर सभी न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. आयोजन के तहत शनिवार को पूरे प्रदेश में नेशनल लोक अदालत लगाई गई. लोक अदालत में न्यायालय के लंबित राजीनामा योग्य मामलों सुना गया. बैंकों से जुड़े मुकदमों और पारिवारिक विवाद के मामलों को भी आपसी रजामंदी से निपटाया गया.
लोक अदालत के दिए गए फैसलों को नहीं दी जा सकती चुनौती: जिला न्यायालय परिसर सहित खंडपीठों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. राजीनामा योग्य अपराध प्रकरणों, मोटर अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा, सिविल प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों को सुना गया. जिन मामलों में आपसी रजामंदी और सहमति बनी उन मामलों पर राजीनामा किया गया. देवआशीष ठाकुर,सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजनांदगांव
वीडियो कांंफ्रेंसिंग से भी हुई सुनवाई: पूरे प्रदेश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. आयोजन का मकसद पक्षकारों को राहत देना है. नेशनल लोक अदालत में दिए गए फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती. सालों से लंबित मामलों पर भी कोर्ट में सहमति से मामलों का निराकरण किया गया. राजनांदगांव जिला न्यायालय परिसर सहित अन्य खंडपीठों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. कई मामलो की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी की गई.