चंडीगढ़:आंखों की वो बीमारी जिसके कारण इंसान अंधेपन का शिकार हो सकते हैं. उस बीमारी का नाम है ग्लूकोमा जो कई प्रकार का होता है. सभी तरह के ग्लूकोमा में आंख को ब्रेन यानी दिमाग से जोड़ने वाली वाली तंत्रिका बाधित हो जाती है. इस बीमारी के शिकार कई लोग हो चुके हैं. ऐसे में चंडीगढ़ पीजीआई के एडवांस आई सेंटर को देश में आंखों के उपचार के लिए प्रमुख माना जाता है. 2008 से शुरू हुए एडवांस आई सेंटर में 60 फीसदी मरीजों की बढ़ोतरी हुई है. जिसमें दूसरे नंबर पर ग्लूकोमा से पीड़ित मरीज पहुंचते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के एडवांस आई सेंटर के प्रमुख डॉ. एस एस पांडव से बातचीत की है.
साइलेंट किलर है ग्लूकोमा: डॉ. पांडवबताते हैं किग्लूकोमा आंखों की एक सबसे बड़ी समस्या माना जाता है. जिसे काला मोती भी कहा जाता है. धीरे-धीरे आंखों के आसपास से देखना बंद होने लगता है. यदि इस समस्या पर ध्यान न दिया जाए तो अंधेपन का सबसे बड़ा कारण बन जाता है. आमतौर पर आंख से देखने की क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है. वहीं, मध्यम आयु के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं. अगर ग्लूकोमा की पहचान पहले कर ली जाए तो इसे समय रहते ठीक किया जा सकता है.
ग्लूकोमा के प्रकार:इस बीच दो मुख्य प्रकार होते हैं. जिसमें एक ओपन एंगल, जहां एक तरल पदार्थ आंख के सामने हिस्से को दबाने की कोशिश करता है. दूसरा बंद कोण जो आंख की तरल पदार्थ का निकास मार्ग बंद होने के कारण होता है. इसके चलते आंख में दर्द होता है और अचानक ही आंखों की रोशनी को नुकसान पहुंचता है.
ग्लूकोमा के लक्षण: ज्यादातर मरीजों में ग्लूकोमा जेनेटिक तौर पर होता है. परिवार में अगर किसी को भी आंखों की रोशनी से संबंधित समस्या है, तो वह आने वाली पीढ़ियों में ग्लूकोमा के रूप में देखी जा सकती है. वहीं, यह स्थिति कई बार अचानक भी हो जाती है. इसके अलावा, आंख से दिखना भी कम हो जाता है. जो धीरे-धीरे बढ़ता जाता है.