बेतियाःपश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से चौथी जीत की तैयारी कर रहे बीजेपी कैंडिडेट डॉ. संजय जायसवाल को रोकने को जिम्मा उठाया है बेतिया के पूर्व विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार मदन मोहन तिवारी ने. मदन मोहन तिवारी का कहना है कि संजय जायसवाल को ये सीट अनुंकपा पर मिली है और अपने दम पर चुनाव जीतकर दिखा दे तो सियासत से संन्यास ले लूंगा.
'घबरा गये हैं संजय जायसवाल': ईटीवी भारत से एक्सूक्लिसिव बातचीत में मदन मोहन तिवारी ने कहा कि "मैं ब्राह्मण समाज से आता हूं तो उन्हें किस बात की परेशानी हो गई है. उनकी घबराहट बढ़ गई है. वह वैश्य समाज से आते हैं तो मुझे कोई परेशानी नहीं है. क्या ब्राह्मण उनका बंधुआ मजदूर हो गया है ?"
'परिवारवाद के प्रतीक हैं संजय जायसवाल': मदन मोहन तिवारी ने कहा कि "संजय जायसवाल कोई नेता नहीं है, हां उनके पिता डॉ मदन प्रसाद जायसवाल नेता थे.संजय जायसवाल को तो यह सीट अनुकंपा पर मिलती आ रही है और वो जीतते रहे हैं. दरअसल संजय जायसवाल परिवारवाद के प्रतीक हैं."
'इस बार संजय जायसवाल की विदाई तय':मदन मोहन तिवारी ने दावा किया कि बीजेपी उम्मीदवार डॉ संजय जायसवाल से कोई लड़ाई है ही नहीं. वह लड़ाई में ही नहीं है. इस बार जनता मुझे सांसद मान चुकी है और मैं बहुमत से जीत दर्ज करूंगा. डॉक्टर संजय जायसवाल की विदाई है. वह संजय जायसवाल जा रहे हैं और मैं मदन मोहन तिवारी आ रहा हूँ. जनता ने यह तय कर लिया है.
'समाज की सेवा करनेवाले परिवार से आता हूं':कांग्रेस प्रत्याशी मदन मोहन तिवारी ने कहा कि "पश्चिमी चंपारण के लोगों का अपार प्रेम मेरे साथ है.मैं गांव में रहनेवाले एक साधारण परिवार से आता हूं. मेरे पिता ने 50 पैसे लेकर लोगों का इलाज किया है. मैं उस परिवार से आता हूं जिसने समाज की सेवा की है. मुझे उसका फल भी मिला है. मैं विधायक भी बना और इस बार मै सांसद भी बनूँगा."