National

रामनगर में देर रात से जारी बारिश से बढ़ा नदी नालों का जलस्तर, कोसी भी उफनाई - rain in ramnagar

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 3, 2024, 10:57 AM IST

Updated : Jul 3, 2024, 11:36 AM IST

Rivers and streams are in spate in Ramnagar उत्तराखंड में हो रही मानसून की बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. नैनीताल जिले के रामनगर और आसपास के इलाकों में देर रात से बारिश जारी है. ईटीवी संवाददाता कैलाश सुयाल ने नालों और कोसी नदी का हाल जाना. कोसी बैराज में गर्मी में जहां सिर्फ 40 क्यूसेक पानी था, वहीं इस समय 3000 क्यूसेक पानी है.

RAIN IN RAMNAGAR
रामनगर बारिश समाचार (Photo- ETV Bharat)

रामनगर में कोसी का जलस्तर बढ़ा (Video- ETV Bharat)

रामनगर: नैनीताल जिले में बारिश का देर रात से दौर जारी है. पहाड़ी इलाकों में ज्यादा बारिश होने के चलते नदी नालों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. जानलेवा साबित होने वाले बरसाती नालों में भी लगातार पानी का जलस्तर बढ़ रहा है. कोसी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है.

रात से जारी बारिश के चलते नैनीताल जिले के हल्द्वानी, रामनगर, कालाढूंगी, लालकुआं, कोटाबाग आदि क्षेत्र में जन जीवन अस्तव्यस्त है. नदी नाले उफान पर आ गए हैं. अल्मोड़ा से बहने वाली कोसी नदी की बात करें तो रामनगर पहुंचते पहुंचते इसका जलस्तर काफी बढ़ गया है. कोसी बैराज में जलस्तर 3000 क्यूसेक तक पहुंच गया है. इस वर्ष कोसी बैराज का सबसे कम जलस्तर 40 क्यूसेक तक रहा है.

बरसाती नालों की बात करें तो हर वर्ष जानलेवा साबित होने वाले धनगढ़ी, पानोद, सांवल्दे, ढेला नदी, बेलगढ़ बरसाती नाला, तिलमट बरसाती नाले भी देर रात से उफान पर आ गए. हालांकि अभी इनका जलस्तर कम हो गया है. वहीं प्रशासन द्वारा भी सभी को अलर्ट मोड पर रहने को कहा गया है. साथ ही प्रशासन द्वारा लोगों से भी अपील की गई है कि नदी नालों के पास न जाएं उनसे दूर रहे. बरसाती नालों में अपने वाहनों को ना डालें. पानी का बहाव कम होने पर ही अपने वाहनों को पार करें. वहीं प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर का ट्रीटमेंट का कार्य भी इसी के चलते बरसात को देखते हुए प्रशासन द्वारा करा लिया गया है. पहले फेस का कार्य पूरा हो चुका है. जिसके चलते बरसात में अब मंदिर के टीले को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.

बता दें कि पिछले वर्ष भी रामनगर के ढेला नदी में इनोवा कार के बहने से 8 लोगों की मौत हो गयी थी. वही सीतावनी मार्ग पर पड़ने वाले तिलमट मंदिर के पास बरसाती नाले पर भी बस पलट गई थी. उस हादसे में यात्रियों को ग्रामीणों द्वारा बचा लिया गया था. वहीं हर वर्ष जानलेवा साबित होने वाले धनगढ़ी व पनोद नालों पर भी अब तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इसमें 2021 से पुल का निर्माण हो रहा है, लेकिन आज तक वह भी पूरा नहीं हो पाया.
ये भी पढ़ें:

उत्तराखंड में आज भी जारी रहेगा मूसलाधार बारिश का दौर, उफान पर नदियां, जानें हिल स्टेशन और चारधाम का तापमान

श्रीनगर में अलकनंदा नदी खतरे के निशान से सिर्फ 3 मीटर नीचे, 2013 की केदारनाथ आपदा में था इतना जलस्तर

Last Updated : Jul 3, 2024, 11:36 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details