पटना:पटना में गंगा नदी मंदिर दीघा घाट गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से आज भी ऊपर है. वैसे राहत वाली बात यह है कि गंगा नदी का जलस्तरअब फॉलिंग ट्रेंड में है लेकिन जल संसाधन विभाग के अनुसार तीन दिनों तक राहत मिलने वाली नहीं है. नदियों में जलस्तर बढ़ने के बाद फरक्का, इंद्रपुरी और वीरपुर बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं.
एक दर्जन जिलों के लोग बाढ़ से प्रभावित:बिहार में कम बारिश होने के बावजूद आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार पटना, भोजपुरी, वैशाली, सारण, बेगूसराय, बक्सर, समस्तीपुर, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिलों के लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक सप्ताह में दो बार प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर चुके हैं.
सीएम ने लिया हालात का जायजा: पहले मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर नदियों का जायजा लिया है और उसके बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया, लोगों से मुलाकात की है. अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों को हर संभव सहायता करने का निर्देश दिया है. उपमुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री विजय सिन्हा ने भी पटना के आसपास एनएच पर पानी चढ़ने का जायजा लिया है और अधिकारियों को एनएच पर पानी न चढ़े, इसका रोड मैप तैयार करने का निर्देश दिया है.
बिहार में नदियों का जलस्तर बढ़ा:गंगा के अलावे कोसी, बूढ़ी गंडक , गंडक, घाघरा, पुनपुन और सोन नदी का जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार खतरे के निशान से ऊपर है. इसके कारण ही लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई है. निचले इलाकों में और नदी से सटे इलाकों में पानी फैल गया है. पटना में आज सुबह मनेर में गंगा नदी खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है दीघा घाट में 1 मीटर से अधिक खतरे के निशान से गंगा ऊपर है. वहीं गांधी घाट में 1 मीटर 33 सेंटीमीटर खतरे के निशान से गंगा नदी ऊपर बह रही है. हाथीदह में भी गंगा डेढ़ मीटर खतरे के निशान से ऊपर भारी है.
सीएम ने की समीक्षा बैठक:मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने के बाद अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की है. सभी डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. हरसंभव मदद पहुंचाने के साथ रात में भी गश्ती करने का निर्देश दिया है. अभियंताओं और अधिकारियों को तटबंधों पर निगरानी रखने के लिए भी कहा है. वहीं मौसम विभाग के अनुसार 23 सितंबर से 27 सितंबर तक भारी बारिश की चेतावनी भी दी गई है. ऐसे में आने वाला सप्ताह चुनौतियों भरा हो सकता है. बिहार में नदियों का जलस्तर जिसमें घटना का ट्रेंड अब दिख रहा है. भारी बारिश होने पर फिर से मुश्किलें बढ़ सकती है.