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पार्वती नदी के घाटों पर चादर, 40 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा - Water overflow in parvati dholpur

धौलपुर जिले की प्रमुख नदी पार्वती में पानी की आवक थम नहीं रही. इस कारण इसके घाटों पर चादर चल रही है. रास्ते बंद हो चुके हैं. चालीस गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है.

Water overflow in parvati dholpur
पार्वती नदी के घाटों पर चादर (Photo ETV Bharat Dholpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 26, 2024, 12:41 PM IST

धौलपुर:पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में पानी की अधिक आवक होने की वजह से नदी में उफान आया हुआ है. नदी में वेग से पानी आ रहा है. सखवारा और मालोनी खुर्द गांव के घाटों पर पार्वती नदी उफान पर है. दोनों घाटों पर 3 फीट पानी की चादर चल रही है. इसी प्रकार राजाखेड़ा इलाके के घाटों पर 4 फीट की चादर चल रही है. जिला मुख्यालय से करीब 40 गांवों का संपर्क कट गया है. पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से टीमें तैनात की है.

जल संसाधन विभाग के एईएन दिनेश परमार ने बताया कि शनिवार और रविवार को पार्वती बांध के कैचमेंट एरिया में पानी की भारी आवक हुई है. बांध के 10 गेट खोलकर रविवार को 17 हजार क्यूसेक से अधिक पानी नदी में रिलीज किया गया था. इसके बाद पांच घाटों पर चादर चल रही है. उन्होंने बताया कि सखवारा और मालोनी खुर्द घाट की रपट पर 3 फीट पानी चल रहा है. इससे जिला मुख्यालय का 40 गांवों से संपर्क कट गया है. राजाखेड़ा इलाके के नादोली एवं नागर घाट पर भी चादर चल रही है. सैपऊ में पार्वती नदी की रपट पर करीब 4 फीट की चादर चल रही है.

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पार्वती के दो गेट खोले:सहायक अभियंता परमार ने बताया कि रविवार रात को पानी की कम आवक होने की वजह से पार्वती बांध के आठ गेटों को बंद कर दिया है. अब महज दो गेट खोलकर पानी रिलीज किया जा रहा है. पार्वती बांध की भराव क्षमता 223.41 मीटर है, जबकि बांध 223.30 मीटर तक भर चुका है. गेज मेंटेंन करने के लिए बांध को 11 सेंटीमीटर खाली रखा गया है.

मानसून सक्रिय, खतरा बरकरार: मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में फिर से भारी बारिश की चेतावनी दी है. यदि बरसात अधिक होती है तो जिले में हालात बेकाबू हो सकते हैं. जिले का पार्वती बांध, उर्मिला सागर बांध, रामसागर बांध और तालाबशाही बांध आदि भर चुके हैं. इसके अलावा तालाब, पोखर एवं जलाशय पानी से लबालब है.

खरीफ फसल चौपट:अतिवृष्टि ने खरीफ फसल को जिले में भारी नुकसान पहुंचाया है. बसेड़ी,सैपऊ एवं धौलपुर उपखंड का इलाका डूब क्षेत्र बन गया है. खेतों में पानी भरने से बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार और मक्का आदि फ़सलें सड़ने के कगार पर पहुंच गई है. हरा चारा बर्बाद होने से किसानों को मवेशी पालन की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है.

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