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दिल्ली बार काउंसिल के दफ्तर में घुसा पानी, हाईकोर्ट ने नगर निकायों को जांच करने का दिया आदेश - Water in Delhi Bar Council office

Water entered office of Delhi Bar Council: दिल्ली बार काउंसिल कार्यलय में पानी घुसने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली नगर निगम, डीडीए और दिल्ली जल बोर्ड को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.

दिल्ली बार काउंसिल
दिल्ली बार काउंसिल (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 16, 2024, 8:51 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम, डीडीए और दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के सिरी फोर्ट स्थित दफ्तर में पानी भरने के मामले की संयुक्त रूप से पड़ताल करे. जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने नगर निकायों को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी.

याचिका बीसीडी ने दायर किया है. बीसीडी ने कहा है कि 27 जून और 28 जून की रात को हुई बारिश में न केवल उसके भवन को नुकसान पहुंचा है बल्कि आईटी विभाग में डाटा को नुकसान हुआ है. बारिश से बीसीडी का बेसमेंट दस फीट तक डूब गया. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि वर्ल्ड क्लास शहर होने की दिल्ली की छवि धूमिल हो गई है.

सुनवाई के दौरान नगर निकायों की ओर से पेश वकीलों ने कहा कि 27 जून को रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी. नगर निकायों ने कहा कि वे बीसीडी की शिकायत पर उचित कार्रवाई करेंगे. उसके बाद कोर्ट ने सभी नगर निकायों की संयुक्त जांच का आदेश दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि इस संयुक्त जांच दल में अधीक्षण अभियंता के नीचे के रैंक का कोई भी अफसर नहीं होगा. हाईकोर्ट ने बीसीडी के सचिव को जांच के समय मौके पर रहने को कहा. हाईकोर्ट ने कहा कि नगर निकाय सुधारात्मक उपाय करने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करेंगे.

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सुनवाई के दौरान बीसीडी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रमेश गुप्ता ने कहा कि बीसीडी दफ्तर के पास एक नाला ओवरफ्लो कर रहा है. बारिश के बाद आज तक नाले को साफ नहीं किया गया. बीसीडी ने इसके लिए दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों से हेल्पलाईन के जरिये आग्रह किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. रमेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम कोर्ट के आदेश के बाद ही नाला साफ करेगी. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली के नगर निकायों को एक दिशा-निर्देश जारी किया जाए कि वे एक स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर अपनाएं ताकि भविष्य में दिल्ली में ऐसी स्थिति न पैदा हो.

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