लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की रविवार रात हुई आपातकालीन बैठक में वक्फ़ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने की और संचालन महासचिव मौलाना मोहम्मद फज़लुर्रहीम ने किया. बैठक के दौरान जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) के उस निर्णय का स्वागत किया गया जिसमें वक्फ़ बिल पर सभी संबंधित पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. हालांकि, बोर्ड ने यह स्पष्ट किया कि इस मुद्दे का सीधा संबंध मुसलमानों से है. इसलिए सिर्फ मुसलमानों की राय और सुझाव ही मांगे जाने चाहिए.
बोर्ड ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अधिक से अधिक मुसलमान JPC को ईमेल या पत्र भेजकर वक्फ़ संशोधन बिल का विरोध करें जो वक्फ़ अधिनियम 1995 को कमजोर करता है और वक्फ़ संपत्तियों पर कब्जे का रास्ता खोलता है. बोर्ड ने बिल को पूरी तरह खारिज करते हुए सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. बोर्ड ने मुसलमानों की सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं, विभिन्न विचारधाराओं और समूहों के प्रमुखों से अपील की कि वे 12 सितंबर 2024 से पहले इस काम को पूरा करें. लिखित ज्ञापन या सुझाव की दो प्रतियां अंग्रेजी या हिंदी में जॉइंट सेक्रेटरी (JPC), लोकसभा सचिवालय, कमरा नंबर 440, संसद सदन, नई दिल्ली-110001 को भेजी जा सकती हैं या jpcwaqf-lss@sansad.nic.in पर 15 दिनों के भीतर ईमेल की जा सकती हैं.