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वक्फ़ संशोधन बिल 2024: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की बैठक, पीएम मोदी और गृह मंत्री से होगी बात - Waqf Amendment Bill 2024

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपातकालीन बैठक में वक्फ़ संशोधन बिल 2024 (Waqf Amendment Bill 2024) के संबंध में जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी को ईमेल और पत्र भेजने की अपील की गई. इसके बाद इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात का निर्णय किया गया.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शामिल पदाधिकारी.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में शामिल पदाधिकारी. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 2, 2024, 1:19 PM IST

लखनऊ : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की रविवार रात हुई आपातकालीन बैठक में वक्फ़ संशोधन बिल 2024 के खिलाफ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने की और संचालन महासचिव मौलाना मोहम्मद फज़लुर्रहीम ने किया. बैठक के दौरान जॉइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (JPC) के उस निर्णय का स्वागत किया गया जिसमें वक्फ़ बिल पर सभी संबंधित पक्षों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा. हालांकि, बोर्ड ने यह स्पष्ट किया कि इस मुद्दे का सीधा संबंध मुसलमानों से है. इसलिए सिर्फ मुसलमानों की राय और सुझाव ही मांगे जाने चाहिए.



बोर्ड ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अधिक से अधिक मुसलमान JPC को ईमेल या पत्र भेजकर वक्फ़ संशोधन बिल का विरोध करें जो वक्फ़ अधिनियम 1995 को कमजोर करता है और वक्फ़ संपत्तियों पर कब्जे का रास्ता खोलता है. बोर्ड ने बिल को पूरी तरह खारिज करते हुए सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. बोर्ड ने मुसलमानों की सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं, विभिन्न विचारधाराओं और समूहों के प्रमुखों से अपील की कि वे 12 सितंबर 2024 से पहले इस काम को पूरा करें. लिखित ज्ञापन या सुझाव की दो प्रतियां अंग्रेजी या हिंदी में जॉइंट सेक्रेटरी (JPC), लोकसभा सचिवालय, कमरा नंबर 440, संसद सदन, नई दिल्ली-110001 को भेजी जा सकती हैं या jpcwaqf-lss@sansad.nic.in पर 15 दिनों के भीतर ईमेल की जा सकती हैं.



बैठक में निर्णय लिया गया कि देश के सभी बड़े शहरों में वक्फ़ के मुद्दे पर सेमिनार और विरोध सभाओं का आयोजन किया जाएगा. जिनमें वक्फ़ की धार्मिक स्थिति, उसकी महत्वता, वर्तमान खतरों और सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की जाएगी. बोर्ड का प्रतिनिधिमंडल JPC के अध्यक्ष और सदस्यों से मुलाकात कर इस बिल पर मुसलमानों का लिखित और मौखिक दृष्टिकोण पेश करेगा. इसके अलावा एनडीए और विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से भी संपर्क किया जाएगा. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी बातचीत की जाएगी. राज्यों के स्तर पर नेताओं से मुलाकात की ज़िम्मेदारियां भी तय कर दी गई हैं. ऑनलाइन आयोजित इस आपातकालीन बैठक में 100 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया. जिनमें मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली, असदुद्दीन ओवैसी, पूर्व केंद्रीय मंत्री के रहमान खान, और अन्य प्रमुख हस्तियां शामिल थीं.

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