अल्मोड़ा: उत्तराखंड में लगातार हो रहे पलायन से खाली हो चुके गांव और उनमें रह रहे बुजुर्गों की व्यथा को दर्शाती फिल्म 'पायर' इन दिनों खूब चर्चाओं में है. क्योंकि, यह फिल्म जहां पलायन के बाद खाली हो चुके गांवों की स्थिति को दर्शाती है तो वहीं इसी पृष्ठभूमि में एक बुजुर्ग दंपत्ति की सच्ची कहानी है. फिल्मकार विनोद कापड़ी की ओर से निर्मित फिल्म पायर को तेलिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ ऑडियंस अवार्ड मिला है. इसी कड़ी में अल्मोड़ा पहुंचे फिल्म के लेखक एवं निर्देशक विनोद कापड़ी ने अहम जानकारी दी. उन्होंने बताया कि फिल्म को 7-8 महीनों बाद भारत में रिलीज किया जाएगा.
दो बुजुर्गों की अविश्वसनीय प्रेम कहानी है पायर:राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता विनोद कापड़ी ने बताया कि उनकी नई फिल्म पायर (Pyre) उत्तराखंड के हिमालय की पृष्ठभूमि में रची 80 साल के दो बुजुर्गों (आमा बूबू) की एक अद्भुत, अनोखी और दिल को छू लेने वाली एक अविश्वसनीय प्रेम कहानी है. फिल्म में एक्टर के तौर पर गांव के ही दो बुजुर्ग पदम सिंह और हीरा देवी हैं.
जिन्होंने फिल्म शूटिंग से पहले न कभी कैमरा फेस किया है न ही कोई फिल्म देखी है. ये दोनों बुजुर्ग पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग तहसील के ओखडा गांव के रहने वाले हैं. पदम सिंह पहले भारतीय सेना में थे और रिटायरमेंट के बाद खेती बाड़ी करते हैं. जबकि, हीरा देवी घर में पशुपालन और जंगल से लकड़ी व घास काटने-लाने का काम करती हैं.
पहले नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक को किया गया था कास्ट:पायर फिल्म के लेखक और निर्देशक विनोद कापड़ी ने बताया कि पहले इस फिल्म के लिए नसीरुद्दीन शाह और रत्ना पाठक शाह को कास्ट किया था. दोनों तैयार भी हो गए थे, लेकिन फिर नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि हिमालय की कहानी में नसीर एवं रत्ना की कास्टिंग से फिल्म की प्रमाणिकता पर असर पड़ सकता है. जिसके बाद फिर लीड रोल के लिए हिमालय के दूर दराज के दर्जनों गांवों में खोज शुरू की गई.
दो माह की वर्कशाप के बाद तैयार हुए कलाकार:आखिरकार बाद पदम सिंह और तुलसी देवी को लीड रोल के लिए फिट पाया गया. उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी मुश्किल थी कि उन दोनों के साथ शूटिंग कैसे की जाए? क्योंकि उन दोनों ने कभी भी कैमरे का सामना नहीं किया था. एनएसडी (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के अनूप त्रिवेदी के मार्गदर्शन में दो महीने तक चली वर्कशॉप के बाद दोनों कलाकार शूटिंग के लिए तैयार किए गए.
पायर में गीतकार गुलजार ने लिखा गीत: फिल्म पायर में संगीत ऑस्कर विजेता फिल्म संगीतकार माइकल डैन्ना ने तैयार किया. जबकि, इस फिल्म में प्रसिद्ध गीतकार गुलजार का लिखा गीत भी है. विनोद कापरी ने कहा कि विश्व सिनेमा की इन तीन महान हस्तियों ने 'पायर' में अपना योगदान दिया है. इसके लिए जहां माइकल और पैट्रिशिया ने अपनी फीस 90 फीसदी कम ली तो वहीं गुलजार साहब ने तो फीस लेने से मना कर दिया.