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बुजुर्ग महिला को डोली के सहारे पहुंचाया हॉस्पिटल, मार्ग बाधित होने से बढ़ी लोगों की परेशानियां - sick woman hospital Doli - SICK WOMAN HOSPITAL DOLI

Sick Woman Doli Hospital चंपावत के बरुडी गांव में बुजुर्ग महिला की अचानक तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों ने डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाया, जिसके बाद महिला को वाहन से लोहाघाट अस्पताल में भर्ती किया है. भारी बारिश से मार्ग बाधित होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.

Sick Woman Doli Hospital
डोली से महिला को पहुंचाया हॉस्पिटल (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 25, 2024, 7:30 AM IST

चंपावत: भारी बारिश से उत्तराखंड के कई संपर्क मार्ग बाधित हैं. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्थिति तब गंभीर बन जाती है, जब गांव में कोई बीमार हो जाता है. जिसके बाद ग्रामीणों के साथ डोली ही एकमात्र विकल्प बच जाता है. कुछ ऐसी ही तस्वीर चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव बरुडी से सामने आई है. जहां बुजुर्ग महिला बीमार होने पर ग्रामीणों ने उसे डोली के सहारे पैदल चलकर हॉस्पिटल पहुंचाया.

बुजुर्ग महिला को डोली से पहुंचा हॉस्पिटल:गौर हो कि बीते दिनों आई भारी बारिश ने जमकर कहर बरपाया और भारी बारिश से कई संपर्क मार्ग भूस्खलन से बाधित हो गए. चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक के दूरस्थ गांव बरुडी में भारी बारिश से दोनों सड़कें आपदा की भेंट चढ़ गई. जिस कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

चंपावत में डोली बनी एंबुलेंस (Video- ETV Bharat)

वहीं बीते दिन गांव में वर्षीय बुजुर्ग महिला की अचानक तबीयत खराब हो गई. दोनों सड़कें बंद होने के कारण आपातकालीन सेवा भी गांव तक नहीं पहुंच पाई. जिसके बाद ग्रामीणों ने बुजुर्ग महिला को डोली से हॉस्पिटल ले जाने का फैसला किया. ग्रामीणों ने बुजुर्ग महिला को तीन किलोमीटर पैदल चलकर सड़क तक पहुंचाया. जिसके बाद महिला को वाहन से लोहाघाट अस्पताल लाया गया. जहां बुजुर्ग महिला का उपचार चल रहा है.

पहले भी सामने आ चुकी ऐसी तस्वीर:बता दें कि पूर्व में लोहाघाट के बाराकोट ब्लॉक के दूरस्थ सील गांव में एक गर्भवती महिला को डोली के सहारे हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ा था. ग्रामीणों ने 8 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई और खतरनाक रास्तों से होकर महिला को सड़क मार्ग तक पहुंचाया था. जहां से महिला को एंबुलेंस में बिठाया गया. ग्रामीणों ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के 3 साल बाद भी सील गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को आए दिन भुगतना पड़ता है.

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