उत्तरकाशी: कमल नदी पर बनी आरसीसी पुलिया बहने के बाद से नई पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. जिसके कारण तलड़ा गांव के 40 परिवार जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. गांव से हर रोज पढ़ाई के लिए हुडोली जाने वाले बच्चों के लिए भी उनके अभिभावक चिंतित रहते हैं. अभिभावकों का कहना है कि नदी पार करने के लिए बिछाए गए पत्थरों के ऊपर चलने से कभी भी कोई घटना हो सकती है.
वर्ष 2023 में बरसात के दौरान बिनगदेरा में तलड़ा गांव को जोड़ने के लिए कमल नदी पर बनी दो दशक पुरानी आरसीसी पुलिया बह गई थी. जिसे अभी तक नहीं बनाया गया है. ग्रामीण ने विकल्प के तौर पर नदी में पत्थर बिछा रखे हैं और पत्थरों के ऊपर चलकर ग्रामीण जोखिम के बीच आवाजाही करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन का उदासीन रवैया भी किसी अनहोनी के इंतजार में है.
ग्रामीण हरेंद्र सिंह, दिवान सिंह, सुमन सिंह सुरेंद्र सिंह, सुचिता, अनिता, संगीता आदि का कहना है कि बारिश के समय नदी पार करने का उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. बारिश से पहले यदि कमल नदी पर पूर्व की भांति पुलिया नहीं बनती है तो उन्हें टमाटर, फ्रांसबीन और सेब आदि फसलों को मंडी पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. वहीं ग्राम तलड़ा निवासी अनिल रावत ने बताया कि जनवरी माह में 72 वर्षीय बीमार महिला केंद्रा देवी नदी पार करते समय पत्थरों से फिसल कर गिर गई थी. इससे वे चोटिल भी हुई थीं.
यह मेरी विधानसभा का मामला है, मेरी पीड़ा गांव वालों के साथ है. वास्तव में ग्रामीण जोखिम भरी आवाजाही कर रहे हैं. मैं प्रयासरत हूं, कोशिश रहेगी कि बरसात से पहले ग्रामीणों को वैकल्पिक व्यवस्था मिल सके. दुर्गेश्वर लाल, विधायक पुरोला.
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