मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :भरतपुर जिले के ग्रामीण अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं. यहां की नदियों में अवैध रेत उत्खनन जोरों पर है.जिसे रोकने के लिए अब ग्रामीणों ने खुद मोर्चा खोला है. बारिश खत्म होने के बाद मलकडोल इलाके में जेसीबी मशीनों ने रेत उत्खनन शुरू हो गया है. जिसके विरोध में इलाके के ग्रामीण लामबंद हुए हैं. ग्रामीणों की मांग की है कि उनके जीवनदायिनी नदियों पर रेत का उत्खनन ना हो. इस विरोध में जिला जनपद सदस्य रवि शंकर सिंह ने भी मोर्चा संभाला और सरकार को चेतावनी दी कि नदियों का यह दोहन नहीं होने दिया जाएगा.
रेत खनन से जल स्तर घटा :मलकडोल, घटई, और कंजिया गांव के ग्रामीणों ने ओदारी नदी से हो रहे रेत उत्खनन का खुलकर विरोध किया. ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रेत उत्खनन के चलते क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ रहा है.गर्मी में जल स्तर काफी नीचे चला जाता है, जिससे पीने के पानी का संकट बढ़ जाता है.
एमसीबी में रेत खनन पर हल्ला बोल (ETV BHARAT)
जनप्रतिनिधियों ने किया प्रदर्शन : नेता रवि शंकर सिंह ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर ओदारी नदी में हो रहे अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाने की मांग की. ग्राम पंचायत सदस्य संजय ने भी कहा कि एक हफ्ते से यहां के नदी में अवैध रेत उत्खनन जारी था, और ग्रामवासी इसे रोकने के लिए एकजुट हो गए हैं. कंजिया निवासी राहुल सिंह मरकाम ने भी विरोध में कहा कि तीन दिन से यहां धरना प्रदर्शन जारी है, फिर भी प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है.
पूर्व विधायक ने बीजेपी पर साधा निशाना :भरतपुर-सोनहत पूर्व कांग्रेसी विधायक गुलाब कमरों ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधा.
करनी और कथनी में फर्क है,” जिसके बाद अवैध रेत उत्खनन को लेकर लोगों में और आक्रोश बढ़ गया. मुख्यमंत्री ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन इसके बाद भी अवैध रेत उत्खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है- गुलाब कमरो, पूर्व विधायक
खनिज अधिकारी ने रेत खनन को बताया वैध :वहीं दूसरी ओरजब रेत खनन को लेकर खनिज अधिकारी दयानंद तिग्गा से बात की गई तो उन्होंने इसे वैध बताया.
घटई मलकडोल में रेत उत्खनन हो रहा है जो पूर्णतः वैध है. इसमें पर्यावरण और सभी का परमिशन है. वहां लगी मशीन में पथराव की शिकायत मिली है. जिसकी जांच की जा रही है- दयानंद तिग्गा, खनिज अधिकारी
नदियों के संरक्षण के लिए संघर्ष :भरतपुर के ग्रामीण नदियों के संरक्षण के लिए अपने बल पर यह लड़ाई लड़ रहे हैं. पर्यावरण संरक्षण की खातिर ग्रामीणों की मांग है कि अवैध रेत उत्खनन पूरी तरह से बंद किया जाए. ताकि क्षेत्र का प्राकृतिक संतुलन बरकरार रह सके.